Uttrakhand News :गुरिल्लाओं ने 30 अगस्त तक का दियाअल्टीमेटम,1 सितंबर करेंगे देहरादून कूच और 2 सितंबर को सी.एम.आवास कूच करेंगे गुरिल्ला

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आज 25 अगस्त 2024 को सभी युद्ध प्रशिक्षित गुरिल्लाओं ने एक जिला स्तरीय बैठक की जिसमें यहा निर्णय लिया गया है कि जिला अध्यक्ष दिनेश, प्रसाद गेरोला ब्लॉक अध्यक्ष कमल, सिंह सजवांण  सतीश,प्रसाद बिजवाण अन्य  कहीं गुरिल्ला साथियों द्वारा 20 अगस्त 2024 को उप जिला अधिकारी के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी को ज्ञापंन दिया गया था और ज्ञापंन के माध्यम से अवगत कराया गया है कि आपके माध्यम से जो 20 दिसंबर 2023 को 18 सचिवों और विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारियों और गुरिल्ला संगठन के प्रतिनिधिमंडल और मुख्य सचिव राधा रतूड़ी जी की अध्यक्षता में जो बैठक की गई थी जिसमें कि हमारे गुरिल्ला साथी डी.एम कार्यालय के माध्यम से इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुए थे आपने तमाम विभागों  के प्रमुख सचिवों एवं उच्च अधिकारियों को दिशा निर्देशित किया गया था कि संबंधित विभागों से रिक्त पदों की सूची ली जाए और त्वरित गति से जो भी समाधान हो सकता है.

गुरिल्लाओं की सेवाओं का लाभ लिया जाए मगर 8 महां बीत जाने के बाद भी आपकी सरकार ने कुछ नहीं किया जो की बहुत ही अफसोस की बात है जब माननीय मुख्यमंत्री जी के ही आदेशों की अवेहलना की जा रही है तो बड़ा चिंता का विषय है इसका मतलब साफ है कि सरकार हमें सिर्फ झूठा आश्वासन दे रही है या तो मुख्यमंत्री जी का चुनावी स्टैंड था मगर गुरिल्ला अपने अधिकारों के लिए लगातार और मजबूती के साथ लड़ेगा और गुरिल्लाओं में काफी रोष है यदि सरकार ने इस बार 30 अगस्त तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो गुरिल्ला उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा.

सभी गुरिल्ला आज 10:00 बजे ब्लॉक घनसाली गैस गोदाम के प्रांगण में एकत्र होकर एक महत्व पूर्ण बैठक की गई ।

जिसमें की जिला अध्यक्ष श्री दिनेश, प्रसाद गैरोला ब्लॉक अध्यक्ष कमल,सिंह सजवाण सतीश,प्रसाद बिजल्वांण सचिव महावीर,सिंह रावत जिला महामंत्री जगदीश,प्रसाद सेमवाल उपाध्यक्ष मकान,सिंह रावत सह सचिव अरविंद,सिंह रावत जिला सचिव अनिल भट्ट मीडिया प्रभारी सैकड़ो की संख्या में गुरिल्ला साथी मौजूद थे साथ ही साथ राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यहा सरकारें अपने आप को डबल इंजन की सरकार बोलती है हमें लगता है कि यहा डबल इंजन की सरकार के बराबर झूठे आश्वासन देने वाली कोई सरकार नहीं है झूठे आश्वासन से भी अधिक है यहा गूंगी,बहरी,अंधी उससे भी आगे निकली गुरिल्लाओं ने डबल इंजन की सरकारों से अपनी तीन सूत्रीय मांगों को मंगवाने की काफी उपेक्षा थी  परंतु यह सरकार हमारा काम कर देगी परंतु गुरिल्लाओँ को क्या पता था कि यह सरकार इतनी निकम्मी है जिससे की इसके प्रतिनिधि अपने और अपनों के स्वार्थ के लिए सिर्फ सत्ता में बैठंगे जबकि सरकार के जो प्रतिनिधि  का काम होता है की अपनी जंता को उनका अधिकार दिलाना विधायक हों /या /संसद, मंत्री /या/ केंद्रीय मंत्री हों /या/ राज्य मंत्री हैं जो भी उच्च पदों पर विराजमान हैं उन सभी का कर्तब्य बनता है की अपने राज्य या अपने देश के लोगों की चिंता करना या उनका काम किसी भी गरीब,निसाय एवं संघठन बेरोजगार,तमाम जो भी राज्य या देश के लोग हैं उनकी चिंता करना और उनका जो भी जायज अधिकार है उनको दिलाना मगर इस डबल इंजन की सरकार में हमें कहीं दूर-दूर तक इस प्रकार की नीति इनमें कहीं नहीं दिख रही है जबकि सरकार को खूब मालूम है कि इन गुरिल्लाओं का आंदोलन 18 सालों से चल रहा है नैनीताल हाई कोर्ट ने भी दो बार फैसला गुरिल्लाओं के ही हित में सुना दिया है और यह लोग तहसिल अस्तर से जिला अस्तर पर राजधानी देहरादून से लेकर देश की राजधानी दिल्ली जंतर मंतर तक सचिवालय से लेकर संसद तक अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और कही बार भारत सरकार ने पुलिस के द्वारा इनको लाठी डंडा भी बाजे हैं और कही बार गुरिल्लाओँ पर सरकार  द्वारा पुलिस प्रशासन के द्वारा लाठी डंडों से भी हमारे गुरिल्लाओँ को सहादत भी हो गई गई है मगर आज तक इस निकम्मी सरकार ने झूठे आश्वासन देकर ही गुरिल्लाओं का शोषण ही किया है जो की काफी चिंता का विषय है जबकि हम देश भक्त हैं देश भक्ति का ही हमें पाठ पडाया गया है गुरिल्लाओं ने जो प्रशिक्षण लिया है वह प्रशिक्षण भी भारत सरकार के द्वारा ही दिया गया है 1962 से लेकर 2002 तक हमने देश के सीमांत क्षेत्रों में अपनी भूमिका निभाई जिसको आज सैन्य विशेषज्ञों और सैन्य अधिकारीयोँ का भी कह रहे हैं कि आज जो हमारी सेना के सिपाई सीमाओं पर शहीद हो रहे हैं उनके बारे में कह रहे हैं कि हमको वहां के जो लोकल हैं जो वहां के लोकल गुरिल्ला होते थे उनके माध्यम से दुश्मनों की सही जानकारी नहीं मिल रही है जिससे कि दुश्मन हमारी सैना की टुकड़ी पर घात लगाकर हमला कर रहा है तो हम तमाम गुरिल्लाओं का कहना है कि यदी सरकार में जो मुखिया है जो सरकार के उच्च पदों पर बैठे हैं जो शासन सत्ता को चला रहे हैं यदि आपको देश की चिंता है यदि आप अपने सैनिकों के प्रति अपका इमान है तो इन गुरिल्लाओं को सीमांत क्षेत्रों में लगाना होगा जिससे कि हमारे सैनिकों की सहायता और सैना का खुफिया जानकारी एकत्रित करके सैना को दे सके और सैना का सहयोग हो सके। साथ ही साथ इन युद्ध प्रशिक्षित गुरिल्लाओं की तीन सुत्रीय मांगों को तुरंत माननी चाहिए यदि सरकार हमें अपना नागरिक समझ कर और हम गुरिल्लाओं को अपना समझ कर 18 सालों से आंदोलन कर रहे हैं जो की काफी लंबा समय हो गया है जबकि गुरिल्ला दर-दर की ठोकर खाकर बेरोजगारी का दंश भोग रहा है अब गुरिल्ला हताश और निराश होकर गुरिल्ला रोष व्यक्त कर रहा है। गुरिल्लाओं ने यहा भी  निर्णय ले लिया है कि यदि सरकार की यही रुख रहा तो इस बार 1 सितंबर देहरादून कुछ करेगा संपूर्ण उत्तराखंड का गुरिल्ला 19881 गोरिल्ला और 2 सितंबर को सी.एम आवास के बहार अनिश्चितकालीन के लिए धरना प्रदर्शन में बैठ जाएगा जब तक माननीय मुख्यमंत्री जी शासनादेश और जी.ओ जारी नहीं कर देते तब तक गुरिल्ला अपना धरना स्थल नहीं छोड़ेगा जाय सरकार कुछ भी कर ले चाहे वह लाठी बाजे या गोली चलाएं जाए जेल में डाले,या  डाल दे फिर भी गुरिल्ला हटेगा नहीं क्यों कि इस बार गुरिल्ला ने अपना सख्त रुक अपना लिया है। 

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जाय पूर्व की सरकार हो या वर्तमान की हो इन्होंने कई बार गुरिल्लाओँ के साथ धोखा किया है झूठा आश्वासन देकर गुरिल्लाओं को बच्चों की तरह लॉलीपॉप पकड़ा दिया जाता है इस बार गुरिल्ला आर पार और निर्णायक आंदोलन के मोड में है और प्रत्येक जिला अध्यक्षों और ब्लॉक  अध्यक्षों के माध्यम से सभी गुरिल्ला साथियों को देहरादून आने का आहवान किया जा रहा है  1 सितंबर को देहरादून कूच करेंगे और 2 सितंबर को सी.एम आवास कूच किया जाऐगा।और जहां भी पुलिस प्रशासन  गुरिल्लाओं को रोकेगी वही स्थान गुरिल्लाओं का धरना प्रदर्शन स्थान होगा सभी गुरिल्लाओं से कहा गया है कि आप सभी अपनी लंबी तैयारी के साथ अपना बोरी,बिस्तर, कमल, छाता, इत्यादि साथ में लाइऐ यदि सरकार इस आंदोलन के प्रति शीघ्र सकारात्मक कारवाई नहीं करती है तो आंदोलन को वहीं से उग्र किया जाएगा साथ ही साथ यहा भी निर्णय लिया जाएगा आंदोलन या धरना प्रदर्शन से भी नही करेगी तो और भी अहेम निर्णय भी लेना पड़े तो वह भी लिया जाएगा जाए हमें अपने प्राणों को निरछावर करना पड़े इस बार हम अपनी मांगों को बिना मानवाऐ वापस नहीं आएंगे क्योंकि इन सरकारों ने हमारे साथ काफी छल, कपट, कर दिया है अन्य गुरिल्ला साथियों से भी संपर्क किया गया है जो अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में जा रखे हैं उनको भी 2 

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सितंबर को सी.एम आवास घेराव में बुलाया गया है।

यदि हम इस आंदोलन में कामयाब हो गए /या /सरकार हमारी मांगों को मान लेती है तो हम सभी गुरिल्ला सरकार का धन्यवाद करेंगे। और सरकार की प्रशंसा करेंगे सरकार के हित में काम करेंगे यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो हम सभी गुरिल्ला ने इस आंदोलन में यहा भी निर्णय लिया है कि हम इस बार अपने प्राणों को भी उस धरना स्थल पर निरछावर कर देंगे। जाय हमें कुछ भी करना पड़े।

इतिहास हम बचा न पाये गुरिल्लाओं का तो हम गुरिल्ला नहीं कहलांयेंगे ।

सारा लहू बदन का उस जमीन को पिला देंगे ।।

वतन का हम गुरिल्लाओं पर कर्ज था उसको वहीं चुका देंगे।

अंधकार में आज भविष्य है गुरिल्लाओं का इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज कर देंगे।।

जय गुरिल्ला तय गुरिल्ला अभी नहीं तो कभी नहीं

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