कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान को बनाया जाएगा जन अभियान

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कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों को संरक्षित एवं संवर्धित करने, कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान को जन अभियान बनाने तथा स्थानीय स्तर पर जंगलों एवं जल स्त्रोतों के संरक्षण और संवर्धन हेतु टीमों के गठन संबंधी जिलाधिकारी अल्मोड़ा द्वारा दिये गये दिशानिर्देशों के क्रम में राजकीय इंटर कालेज खूंट तथा राजकीय इंटर कालेज स्यालीधार में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

 

 

 

 

कार्यक्रमों की शुरुआत करते हुए स्वास्थ्य उपकेन्द्र सूरी के फार्मेसिस्ट गजेन्द्र पाठक द्वारा जानकारी दी गई कि मिश्रित जंगलों के अनियंत्रित और अवैज्ञानिक दोहन, जंगलों में आग लगने की घटनाओं में निरंतर वृद्धि तथा वैश्विक तापवृद्धि से उत्पन्न जलवायु परिवर्तन के कारण शीतकालीन वर्षा और बर्फबारी में उल्लेखनीय गिरावट के कारण कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों में पानी का स्तर लगातार कम हो रहा है

 

 

 

 

 

 

 

जो सभी के लिए चिंता का विषय है। यदि जल स्त्रोतों को बचाने के लिए सामुहिक प्रयास नहीं किए गए तो आने वाले समय में भीषण जल संकट का सामना करना पड़ेगा। जंगलों की आग जल स्रोतों तथा जैवविविधता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।हर साल जंगलों में आग लगने से बहुमूल्य वन संपदा नष्ट हो रही है साथ ही वर्षा जल को भूजल में बदलने की जंगलों की क्षमता मे लगातार गिरावट आ रही है जो जल स्त्रोतों के सूखने का बड़ा कारण है।विद्यार्थियों को ” जंगल के दोस्त” बनकर जंगलों के प्रति संवेदनशील बनने की अपील की।

 

 

 

 

 

धामस गांव के सामाजिक कार्यकर्ता श्री आनंद सिंह ने सभी का आह्वान किया कि जंगलों को आग और नुकसान से बचाने में वन विभाग को सहयोग दें ताकि भावी जल संकट से बचा जा सके। वन बीट अधिकारी श्री कुबेर चन्द्र ने स्याही देवी शीतलाखेत क्षेत्र में जनता द्वारा जंगलों को बचाने के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इस वर्ष पुनः वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग करने की अपील की।

 

 

 

 

 

 

महिला मंगल दल धामस की अध्यक्षा श्रीमती गंगा देवी ने जंगलों को आग से सुरक्षित रखने में धामस गांव की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं द्वारा 31 मार्च से पूर्व ओण जलाने की कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।
वन बीट अधिकारी श्रीमती इंद्रा मर्तोलिया ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापवृद्धि के दुष्परिणामों से निपटने हेतु वर्तमान जंगलों के संरक्षण में योगदान दें।

 

 

 

 

 

 

कार्यक्रम में राजकीय इंटर कालेज स्यालीधार के प्रधानाचार्य श्री उमेश चन्द्र पाण्डेय, श्रीमती चेतना त्रिपाठी, श्रीमती शोभा नगरकोटी,श्री सी सी जोशी, श्रीमती अंजलि प्रसाद, सुश्री कविता मेहता श्रीमती कमला देवी, श्रीमती भगवती बिष्ट, श्रीमती मुन्नी देवी, श्रीमती अनीता देवी,श्री नीरज नेगी,श्री नरेन्द्र बाराकोटी,,धामस के पूर्व प्रधान श्री खीम सिंह सहित सैकड़ों विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

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