उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय में सीधी भर्ती के लिये इस कम्पनी को मिला था ठेका ये विधानसभा सचिव भी आ रहे हैं घेरे में

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उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय में सीधी भर्ती के लिए बिना प्रक्रिया के आरएमएस कंपनी को परीक्षा कराने का ठेका दे दिया गया। भर्ती के एवज में कंपनी को 59 लाख रुपये भुगतान भी किया गया।यह वही कंपनी है, जिसे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक मामले में ब्लैक लिस्ट किया गया था।

 

 

 

 

 

यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक मामले का खुलासा होने के साथ ही विधानसभा सचिवालय में 2021 में बैकडोर को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने तीन सितंबर 2022 को तदर्थ आधार पर की गई नियुक्तियों को लेकर पूर्व आईएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया। कोटिया कमेटी ने भी जांच के दौरान पाया कि विधानसभा सचिवालय में 32 पदों की सीधी भर्ती के लिए आरएमएस कंपनी के चयन में कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। इसके साथ ही कंपनी को दो दिन के भीतर भुगतान किया गया।

 

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जांच में कंपनी के चयन से संबंधित कोई पत्रावली या रिकॉर्ड नहीं मिला। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व आईएफएस जयराज को मामले की जांच सौंपी थी। उन्होंने पूरे मामले की जांच करने के लिए अपनी रिपोर्ट विधानसभा को सौंप दी है।

 

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पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में 2021 में विधानसभा सचिवालय में 32 पदों की भर्ती के लिए आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन कंपनी के माध्यम से आवेदन मांगे गए थे। 20 मार्च 2022 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। हालांकि अभी तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हुआ है।कंपनी को बिल प्राप्त होने के दो दिन के भीतर 59 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। इस प्रकरण में तत्कालीन विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल की भूमिका भी संदेहास्पद होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने निलंबन की कार्रवाई थी।

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