यहां लंपी वायरस की चपेट में आए 695 मवेशी, इतने मवेशी हुए ठीक

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मवेशियों में लंपी स्किन डिजीज का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। बागेश्वर जिले में अब तक 695 गो वंश में वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। उपचार के बाद 262 मवेशी ठीक हो गए हैं जबकि 433 का उपचार चल रहा है।पशुपालन विभाग की टीम गांव-गांव जाकर मवेशियों की जांच और इलाज कर रही हैं। पशुपालकों को बीमारी की जानकारी देकर सतर्क किया जा रहा है। 

लंपी वायरस से संक्रमित होने वाले मवेशियों को बुखार रहता है। उनके शरीर पर दाने निकल रहे हैं और दानों के ठीक होने पर छाले जैसे निशान पड़ जाते हैं। पशुओं के नाक और मुंह से लार बहने लगती है। बीमारी के लक्षणों का पता चलते ही तत्काल उपचार शुरू करने पर दो से तीन दिन में पशु ठीक हो जाते हैं। 

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  कांडा और काफलीगैर में कम है संक्रमण 

कांडा और काफलीगैर तहसील क्षेत्रों में प्रकोप कम है। संक्रमण में कपकोट तहसील पहले, बागेश्वर दूसरे और गरुड़ तीसरे स्थान पर है। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी लगातार प्रभावित गांवों में जा रही है। अब तक विभाग की टीम ने 160 से अधिक गांवों में जाकर बीमार पशुओं की जांच और उपचार किया है।

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मुख्य पशुचिकित्साधिकारी,डॉ. आर चंद्रा, ने कहा जिले में लंपी वायरस तेजी से पैर पसार रहा है। हालांकि अब तक संक्रमण से किसी पशु के मरने का मामला सामने नहीं आया है लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है। पशुपालकों को बीमारी के लक्षण दिखने पर तत्काल समीप के पशु चिकित्सक या विभाग को सूचित करना चाहिए ताकि समय पर इलाज शुरू हो सके। 

 

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