उत्तराखंड:खराब मौसम के चलते आदि कैलाश यात्रा दो महीने के लिए स्थगित, KMVN ने लिया फैसला

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कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) ने सीमांत क्षेत्र धारचूला से चलने वाली आदि कैलाश यात्रा दो महीने के लिए स्थगित कर दी है।कुमाऊं मंडल विकास निगम के प्रबंधक धन सिंह बिष्ट ने बताया कि खराब मौसम और बार-बार सड़क अवरुद्ध होने के कारण आदि कैलाश यात्रा को सितंबर तक रोक दिया गया है।उन्होंने बताया अभी तक यात्रियों के लिए 30 दल आदि कैलाश की यात्रा कर चुके हैं।

🔹क्या है आदि कैलाश यात्रा

स्कंद पुराण के मानस खंड में आदि कैलाश एवं ऊं पर्वत की यात्रा को कैलाश मानसरोवर यात्रा जितनी ही प्रमुखता दी गई है। पिथौरागढ़ जिले में भारत तिब्बत सीमा के पास स्थित आदि कैलाश की छवि कैलाश पर्वत की जैसी है। मान्यता है कि आदि कैलाश पर भी समय-समय पर भोले बाबा का निवास रहा है।वेद पुराणों के अनुसार पास ही स्थित पार्वती सरोवर में माता पार्वती का स्नान स्थल हुआ करता था. ऊं पर्वत तीन देशों की सीमाओं से लगा हुआ है. इस स्थान के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का वर्णन रामायण, महाभारत और पुराणों में मिलता है।

🔹कहां है आदि कैलाश

आदि कैलाश हिन्दू सनात धर्म में एक विशेष स्थान रखता है. आदि कैलाश का संबंध भगवान शिव से है. इसे हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थान माना जाता है. आदि कैलाश को शिव कैलाश, छोटा कैलाश, बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग पीक के नाम से भी जाना जाता है. आदि कैलाश उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित है. आदि कैलाश को तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत की प्रतिकृति माना जाता है. आदि कैलाश भारत-तिब्बत सीमा के नजदीक है. आदि कैलाश की ऊंचाई समुद्र तल से करीब 5,945 मीटर है।

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