Uttrakhand News :प्राकृतिक आपदाओं से हजार करोड रुपए का नुकसान, सीएम पुष्कर सिंह धामी केंद्र से मांगेंगे मदद
उत्तराखंड में मानसून भारी गुजर रहा है। अतिवृष्टि व भूस्खलन से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होने के साथ जानमाल की व्यापक क्षति उठानी पड़ रही है। प्रारंभिक आकलन में 15 जून से अब तक आपदा से एक हजार करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान है।
इसमें भी मानसून ने सड़कों को सर्वाधिक जख्म दिए हैं।
राज्य व राष्ट्रीय राजमार्गों समेत सभी तरह की सड़कों एवं पुलों को हुई क्षति 536 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा कृषि भूमि, पेयजल व विद्युत लाइनों, सिंचाई गूलों, भवनों आदि को भी नुकसान पहुंचा है। मानसून अभी सक्रिय है और क्षति का आकलन भी विभागवार चल रहा है।
हालांकि, क्षति की भरपाई के दृष्टिगत कदम उठाने को सरकार ने कसरत भी शुरू कर दी है। अतिवृष्टि के कारण समूचा उत्तराखंड आपदा की स्थिति से जूझ रहा है। नदी-नालों का वेग भयभीत कर रहा है तो भूस्खलन, भूधंसाव के कारण सार्वजनिक व निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
आपदा ने सर्वाधिक क्षति पहाड़ की जीवन रेखा कही जाने वाली सड़कों को पहुंचाई है। चारधाम को जोड़ने वाली आल वेदर रोड समेत अन्य राजमार्ग हों या फिर राज्य राजमार्ग, जिला व संपर्क और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की सड़कें, सभी छलनी हुई हैं। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में कठिनाइयां भी बढ़ गई हैं। ऐसी ही स्थिति अन्य विभागों के मामलों में भी है।
💠आपदा से क्षति (15 जून से अब तक)
78 व्यक्तियों की मृत्यु
18 व्यक्ति लापता
47 लोग हुए घायल
7737 पशुओं की मौत
1471 घरों को पहुंची क्षति
केंद्र से करेंगे मदद की आग्रह
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस मानसून सीजन में लगातार हो रही वर्षा के कारण राज्य में आपदा जैसी स्थिति है। अतिवृष्टि, भूस्खलन से व्यापक पैमाने पर क्षति हुई है। अभी आकलन जारी है और अंतिम आंकड़े मिलने के बाद क्षति की भरपाई के लिए केंद्र से मदद का आग्रह किया जाएगा।
कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड की पहले भी मदद करती आई है और आगे भी करेगी। मुख्यमंत्री ने दिल्ली प्रवास के दौरान कहा कि राज्य में इस मानसून सीजन में अब तक एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की क्षति आंकलित की जा चुकी है। मानसून अभी सक्रिय है और क्षति का विभागवार आकलन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा से निबटने को त्वरित गति से कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रभावितों तक तत्काल राहत पहुंचे, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। हमारा पूरा ध्यान जनजीवन को सामान्य बनाने पर केंद्रित है। राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में प्रत्येक आपदा प्रभावित के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि वर्षाकाल में हुई क्षति का संपूर्ण ब्योरा केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाएगा। साथ ही मदद के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।