National News:बीएसएनल में होने जा रही है छंटनी,19 हजार लोगों को नौकरी से निकालने पर विचार कर रही है कंपनी

0
ख़बर शेयर करें -

बीएसएनल में छंटनी होने जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह सरकार कंपनी 19 हजार लोगों को नौकरी से निकालने पर विचार कर रही है। इसके लिए दूसरा वीआरएस लागू करने की योजना बनाई जा रही है।

BSNL यह सब अपनी बैलेंस शीट को बेहतर ढंग से मैनेज करने के लिए कर रही है। दूरसंचार विभाग (DoT) वित्त मंत्रालय से इसके लिए मंजूरी लेने की योजना बना रहा है।

ET की रिपोर्ट के अनुसार BSNL ने VRS 2.0 लागू करने के लिए 1500 करोड़ रुपए मांगे हैं। BSNL के बोर्ड ने दूरसंचार विभाग को VRS के जरिए कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 18,000 से 19,000 की कटौती करने का प्रस्ताव भेजा है, ताकि बैलेंस शीट ठीक किया जा सके।

यह भी पढ़ें 👉  Almora News:अल्मोड़ा पुलिस के थाना सोमेश्वर ने स्कूल में लगाई साईबर सुरक्षा क्लास

🌸कर्मचारियों पर खर्च घटना चाहती है BSNL

BSNL ने अपने कर्मचारियों पर 7500 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह उसके राजस्व का 38% हिस्सा है। BSNL की कोशिश है कि उसे अपने कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्चों पर सालाना 5 हजार करोड़ रुपए खर्च करना पड़े। खर्चों में कटौती के इस लक्ष्य को पाने के लिए BSNL ने संचार मंत्रालय के अनुरोध पर कर्मचारियों की संख्या में कटौती का प्रस्ताव दिया है। वित्त मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी लेनी होगी।

🌸वेतन खर्च कम करने की योजना को BSNL बोर्ड से मिली मंजूरी

BSNL बोर्ड ने सोमवार को वेतन पर होने वाले खर्च को कम करने की मंजूरी दी। यह ऐसे समय में हो रहा है जब भारत की सरकारी दूर संचार कंपनी अभी तक पूरे देश में 4G सेवा नहीं दे पाई है। प्राइवेट कंपनियां 5G सेवाएं दे रहीं हैं।

यह भी पढ़ें 👉  Uttrakhand News:उत्तराखंड परिवहन निगम के रोडवेज डिपो की 43 पुरानी बसों की होगी नीलामी

वित्त वर्ष 2024 में BSNL की आमदनी 21,302 करोड़ रुपए तक पहुंची थी। पिछले वर्ष की तुलना में इसमें मामूली सुधार हुआ है। कंपनी में 30,000 से अधिक गैर-कार्यकारी और 25,000 कार्यकारी कर्मचारी कार्यरत हैं। 2019 में सरकार ने 69,000 करोड़ रुपए की पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दी, जिसमें बीएसएनएल और महानगर टेलीफोन निगम (एमटीएनएल) के कर्मचारियों के लिए एक प्रारंभिक सेवानिवृत्ति कार्यक्रम शामिल था। 93,000 कर्मचारियों ने VRS योजना का विकल्प चुना था। वीआरएस देने पर पेंशन, ग्रेच्युटी और कम्यूटेशन में करीब 17,500 करोड़ रुपए खर्च हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *