Almora News:जिला जेल के कैदी स्वावलंबन की राह पर, जेल में ही अपने हुनर से रख रहे स्वरोजगार की ओर कदम

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जिला जेल में कैदी और बंदी अपने हुनर से बेरोजगारों को स्वरोजगार की राह दिखा रहे हैं। वे बिनाई, सिलाई के अलावा लकड़ी के गुलदस्ते और सजावटी सामान तैयार कर आय कमा रहे हैं। उनके उत्पादों को विक्रय केंद्र के माध्यम से बाजार भी दिलाया जा रहा है।

🔹हुनरमंद बनकर बेरोजगारों को भी रोजगार की दिखा रहे राह 

अल्मोड़ा जिला जेल में 539 कैदी हैं। इन्हें भविष्य में विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है। नतीजन प्रशिक्षण के बाद कैदी अपने हुनर से लकड़ी का सजावटी सामान तैयार कर आय कमा रहे हैं। कैदियों को प्रोत्साहित करने के लिए जेल में उत्तराखंड कारागार श्रम सेवा स्वायत्त सहकारिता समिति का गठन किया गया। इसके बाद उन्हें उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण दिया गया। अब वे हुनरमंद बनकर बेरोजगारों को भी रोजगार की राह दिखा रहे हैं। इसके अलावा वे मशरूम उत्पादन भी कर रहे हैं।

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🔹सहकारिता समिति के संचालन के लिए नहीं मिलती मदद

फिलहाल जेल प्रशासन को सहकारिता समिति के संचालन के लिए किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल रही है। जेल अधीक्षक जयंत सिंह पांगती ने बताया कि राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने कैदियों को प्रशिक्षण देने के लिए सहयोग किया और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। लोग कैदियों के बनाए उत्पादों को काफी पसंद कर रहे हैं।