Almora News :आफत का सबब बन सकते हैं अल्मोड़ा जिले के 36 नाले और गधेरे, मानसून काल नजदीक आते ही नालों और गधेरों के आसपास रह रहे लोगों की बढ़ी चिंता

आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जिले में 36 नाले और गधेरे मानसून काल के दौरान आफत का सबब बन सकते हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने सड़कों और आबादी के नजदीक स्थित इन संवेदनशील नालों और गधेरे को चिह्नित तो किया है लेकिन सुरक्षा के अब तक कोई इंतजाम नहीं किए जा सके हैं।
ऐसे में मानसून काल नजदीक आते ही नालों और गधेरों के आसपास रह रहे लोगों की चिंता बढ़ गई है।
अल्मोड़ा जिले में बरसाती नाले और गधेरे हर मानसून काल में कहर बरपाते हैं। कई नाले और गधेरे मुख्य मार्गों और आबादी क्षेत्र से होकर गुजरते हैं जो बारिश के दौरान अचानक उफान पर आ जाते हैं। वहीं कई गधेरे ऐसे हैं जिनमें बरसाती पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा आ जाता है जो आसपास रह रहे लोगों के लिए आफत का सबब बनता है। बीते सालों में यह नाले और गधेरे कई बड़ी घटनाओं का कारण बन चुके हैं। मानसून काल नजदीक है और आपदा प्रबंधन विभाग अब तक सिर्फ ऐसे नालों और गधेरों को चिह्नित ही कर सका है। इन नालों और गधेरों के पास चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाए जा सके हैं अन्य सुरक्षा के इंतजाम तो दूर की बात है।
💠पुराने हादसों से भी नहीं लिया सबक
अल्मोड़ा। सरकारी तंत्र और जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने मानसून काल से पहले ही सोमेश्वर और चौखुटिया में हुए हादसे से भी सबक नहीं लिया। बीते मई माह में सोमेश्वर तहसील के चनौदा में अतिवृष्टि के बाद गधेरा उफान पर आने से इसका मलबा और बोल्डर घरों में घुस गए। वहीं सोमेश्वर-कौसानी हाइवे पर करीब पांच दिनों तक यातायात बाधित रहा। चौखुटिया विकास खंड में कुथलाड़ गधेरे के उफान पर आने से बाढ़ सुरक्षा के काम में लगी जेसीबी और अन्य मशीनों सहित करीब छह सौ कट्टे सीमेंट आपदा की भेंट चढ़ गए थे। यहां काम कर रहे 80 से अधिक मजदूरों ने भागकर जान बचाई थी।
💠बढ़ रही हैं बादल फटने की घटनाएं
अल्मोड़ा। पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों में बादल फटने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। दरअसल तापमान बढ़ने के कारण नमी वाले बादल भारी मात्रा में एक जगह एकत्र हो जाते हैं और पानी की बूंदें आपस में मिल जाती हैं। पानी की इन बूंदों का भार बढ़ जाने से बादलों का घनत्व बढ़ जाता है और एक सीमित दायरे में अचानक तेज बारिश होनी शुरू हो जाती है। ऐसे में संबंधित क्षेत्रों में अचानक उफान पर आए गधेरे और नाले भारी तबाही मचाते हैं।
जिले में अनेक ऐसे नाले और गंधेरे हैं जो अतिवृष्टि के दौरान उफान पर आ जाते हैं और भारी तबाही मचाते हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने जिले में ऐसे करीब 36 नालों और गधेरों को चिह्नित किया है। इनमें सुरक्षा के इंतजाम करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है।
-विनीत पाल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, अल्मोड़ा।