Almora News:जान जोखिम में डालकर जर्जर स्कूल में पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे,हादसे का बना रहता है अंदेशा

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यहां जिले के सल्ट विकासखंड में 12 विद्यालय भवन जर्जर हैं। इन जर्जर स्कूल भवनों को ध्वस्त कर नवनिर्माण के लिए प्रस्ताव छह माह पूर्व शासन में भेजा गया था जिसे अब मंजूरी नहीं मिल सकी है।इस कारण बच्चे जान जोखिम में डालकर जर्जर स्कूल भवनों में पढ़ने के लिए मजबूर हैं। 

🔹भवनों की खिड़कियां और दरवाजे तक टूटे

जिले के सबसे दूरस्थ विकासखंड सल्ट में जीआईसी बसेड़ी, कोटाचामी, नैलवालपाली, सोली, नगचूलाखाल, नेवलगांव, तोल्यों, देवायल, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डभरा, कानेखलपाटी, कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्वैराला के भवन जर्जर हैं। स्कूल भवन की दीवारों और छत पर पड़ी दरारों से इनके गिरने का खतरा बना हुआ है। इतना ही नहीं भवनों की खिड़कियां और दरवाजे तक टूटे पड़े हैं।

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🔹अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित

यहां पढ़ने वाले 1200 से अधिक छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए इन विद्यालय भवनों के ध्वस्तीकरण के बाद नवनिर्माण और सुधारीकरण की जरूरत बताते हुए छह माह पूर्व प्रस्ताव शासन को भेजा गया था लेकिन अब तक इसे स्वीकृति नहीं मिल सकी है और यह प्रस्ताव फाइलों में सिमटकर रह गया है। शासन और विभाग की अनदेखी से अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं।

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🔹ठंड में झेलनी पड़ती है दिक्कत

इन जर्जर विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए बारिश के साथ ही ठंड का मौसम परेशानी लेकर आता है। बारिश में कक्षों में पानी घुसता है तो टूटी खिड़कियों और दरवाजों के बीच ठंड में विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है लेकिन उनकी इस परेशानी का समाधान किसी के पास नहीं है। 

इन भवनों के नवनिर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है। बजट जारी होने के बाद ही भवनों का सुधारीकरण और नवनिर्माण होगा- हरेंद्र साह, खंड शिक्षाधिकारी, सल्ट