क्या हो सकता है: पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों से फायदे के साथ नुकशान भी
लंगासु में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन मोटरमार्ग से यहां के प्राइमरी स्कूल को खतरा पैदा हो गया है । सड़क कटिंग का मलवा स्कूल में गिरने से हर पल खतरा बना हुआ है । लोगो का कहना है कि स्कूल के साथ साथ सड़क कटिंग का मलवा आवासीय भवनों तक आ रहा है । जनप्रतिनिधियों ने चेवावनी दी कि जल्द इसका समाधान नही हुआ तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा ।
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों को विकास से जोड़ने के लिए सड़कें अत्यन्त आवश्यक है । इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत सड़को का कार्य तेजी से चल रहा है । इन सड़कों के बन जाने के बाद भले इसका लाभ यहां के क्षेत्रीय जनता को भविष्य में मिलेगा लेकिन वर्तमान में सड़कों की कटिंग लोगो को जी का जंजाल बनी हुई है । ताजा मामला कर्णप्रयाग ब्लाक के अंतर्गत लंगासु मैखुरा मोटरमार्ग का है ।
प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनने वाली इस निर्माणधीन सड़क के चलते प्राथमिक विद्यालय लंगासु को खतरा पैदा हो गया है । पहाड़ी से गिर रहे पत्थर और मालवा स्कूल की ओर आने से किसी बड़ी वारदात को न्योता दे रहे है । स्कूल की शिक्षका शशि कंडवाल ने बताया कि आये दिन पहाड़ी से आ रहे पत्थरो से बच्चो में खतरा बना हुआ है । कई बार विभाग को बताने के वावजूद इसका स्थाई समाधान नही हो पा रहा है । जिससे स्कूली बच्चे ख़ौफ के साये में है ।
लंगासु में बद्रीनाथ ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग से मैखुरा गांव को जाने वाली इस सड़क की कटिंग से न सिर्फ यहाँ के स्कूल को खतरा हो रहा है बल्कि हाइवे के नीचे बने आवासीय भवन भी ख़तरे की जद में है । प्रभावित लोगों का कहना है कि पहाड़ी से गिर रहा मलवा रात को चैन की नींद नही सोने देता है । पत्थर और मालवा घरों तक आ जा रहा है । जिससे कभी की क्षेत्र में अनहोनी होने की आशंका बनी हुई है ।
सड़क की कटिंग से क्षेत्रीय लोगो को हो रही परेशनी की सूचना पर क्षेत्र पंचायत सदस्य अंजना देवी आज मौके पर पहुची और प्रभावित लोगों की समस्या सुनी , उन्होंने कहा कि सड़क की कटिंग से स्कूल और स्थानीय लोगो को खतना बना हुआ है । यदि विभाग द्वारा इसका स्थायी समाधान नही किया गया तो विभाग के खिलाप धरना प्रदर्शन किया जाएगा ।
क्षेत्र के विकास के लिए भले ही सड़को का बनाया जाना अत्यन्त जरूरी है लेकिन पहाड़ी क्षेत्रो में बन रही सड़को की स्वीकृति और सर्वे के दौरान इतना भी ध्यान रखना जरूरी है कि इससे किसी को कोई परेशानी न होने पाए । यही कारण है कि बिना किसी ठोस सर्वे के बन रही करोड़ो रूपये की लागत से बनने वाली योजनायें धरातल पर उतरने से पहले ही दम तोड़ देती है । विभागों के अधिकारियों को चाहिए कि इसका समय पर स्थायी समाधान हो ताकि क्षेत्र के विकास के लिए बन रही यह सड़के मील एक पत्थर साबित हो सके ।