Uttrakhand News :14 वर्षों से अधिक समय से प्रदेश की जेलों में बंद बंदियों को आज किया जाएंगे रिहा
14 वर्षों से अधिक समय से प्रदेश की जेलों में बंद बंदियों के मामले में सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया जिसमें उन्होंने बताया कि चार बंदियों को छोड़ दिया गया है जबकि 28 बंदियों को शनिवार तक छोड़ दिया जाएगा।
शुक्रवार को सरकार के अधिवक्ता एजीए जेएस.विर्क ने न्यायालय को बताया कि एक ऐसे बंदी की मृत्यु हो चुकी है। मामले में अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।
न्यायालय में बृहस्पतिवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसमें प्रदेश की जेलों में 14 वर्षों से अधिक समय से रह रहे बंदियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रिहा नहीं करने पर सरकार से सवाल कि गए थे। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सरकार से शाम पांच बजे तक निर्णय लेकर शुक्रवार सुबह 10:30 बजे तक न्यायालय को सूचित करने के लिए कहा था। शुक्रवार को सरकार के अधिवक्ता एजीए जेएस.विर्क ने न्यायालय में सरकार का पक्ष रखा।
पिछले दिनों मुख्य न्यायाधीश ने हल्द्वानी की जिला जेल और सितारगंज की संपूर्णानंद ओपन जेल का दौरा किया था। वहां बंदियों से समस्याएं सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की अवहेलना पाया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की उस दलील को निराधार बताया था कि कैदी को जेल से बाहर रखना समाज के लिए खतरा है। मुख्य न्यायाधीश ने बंदियों के मानवाधिकार को समझते हुए जेल प्रबंधनों से लिस्ट मांगी थी जिसमें 167 ऐसे कैदी मिले थे। नवनियुक्त गृह सचिव दीलिप जावलकर ने गुरुवार को जबकि महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर शुक्रवार को ऑनलाइन शामिल हुए।