ऐतिहासिक स्याल्दे बिखौती मेले का शिव धाम विमांडेश्वर में रंगारंग आगाज,
द्वाराहाट: कत्यूरी शासन काल से ही विषुवत् संक्रांति की अंतिम रात्रि में द्वाराहाट से 7 किलोमीटर दूर विमाण्डेश्वर धाम में लगने वाले बिखौती मेले का दिन में सांस्कृतिक व रंगारंग कार्यक्रमों से शुभारंभ होने के बाद रात्रि में यह मेला आयोजित होता है।
जिसमें निकटवर्ती गांवों के थोकदारों के नेतृत्व में नगाड़े-निसाणों व वाद्य यंत्रों के साथ चिमटे की थाप में मेलार्थी झोड़ा, चांचरी, भगनौल व लोकगीतों का गायन करते हुए देर रात विमाण्डेश्वर धाम अपने-अपने डेरों में प्रवेश करते हैं। जिसके बाद सुबह नंदिनी एवं सुरभि नदी के संगम पर स्नान कर पूजा-अर्चना के बाद दूसरे दिन द्वाराहाट में बट-पूजै छोटी स्याल्दे में शामिल होते हैं।
तीसरे दिन मुख्य स्याल्दे-बिखौती मेला लगता है। मेले में आल, गरख व न्यौज्यूला धड़ों के ग्रामीण अपनी-अपनी बारी के अनुसार मुख्य बाजार में ओढ़ा भेंटने की रश्म अदायगी करते हैं। जबकि मेले के चौथे व पांचवें रोज मीना बजार लगती है। इसमें गांव-गांव से पहुंचे मेलार्थी खूब खरीदारी करते हैं। आपको बता दे कि करीब 64 वर्ष पूर्व मेले से अलग हुए ईड़ा, जमीनी वार व पार ग्राम पंचायतें पुन: लोक परंपरा का हिस्सा बनेंगी।
खास बात कि छह दशक पहले की तरह तीनों ग्रामसभाओं के रणबांकुरे नगाड़े निषाण लेकर 30 किमी का सफर तय कर ओढ़ा भेंटने की रस्म निभाएंगे। यानि अबकी कौतिक में तीन गांवों की संख्या बढ़ जाएगी। कुछ और ग्राम पंचायतों के भी लोक परंपरा से जुडऩे की उम्मीद है। इसी के साथ आज शिव धाम विमंडेश्वर महादेव मंदिर में स्याल्दे विखोती मेले का पूजा पाठ तथा रंगारंग कार्यक्रमों के साथ शुभारंभ हुआ। मेले में मुख्य अतिथि द्वाराहाट के उपजिलाधिकारी जयवर्धन शर्मा व ब्लॉक प्रमुख दीपक किरोला, विधायक प्रतिनिधि नारायण सिंह रावत उपस्थित थे।
आज के उद्घाटन में निकटवर्ती ग्राम सभा रणा के ढोल दमुआ, नगाड़े निशानों के साथ उद्घाटन मेले में सम्मिलित हुए। उद्घाटन समारोह में उपजिलाधिकारी जयवर्धन शर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष मुकुल साह, विधायक प्रतिनिधि नारायण सिंह रावत, आशुतोष लोहनी, एडवोकेट हेम रावत, निर्जा जोशी आदि उपस्थित रहे।