Uttarakhand News:कॉर्बेट में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई,हाई कोर्ट के आदेश के बाद CBI ने शुरू की जाँच

जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क रोड रेंज में अवैध निर्माण और हजारों पेड़ के कटान के आरोपों की सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है।नैनीताल हाई कोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने नई एफआईआर दर्ज की है।
🔹CBI ने तत्कालीन डीएफओ से की पूछताछ
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क जहां अपने वन्यजीवों के लिए जाना जाता है, तो वहीं अब पार्क को घोटाले के लिए भी जाना जा रहा है। कॉर्बेट पार्क पर जांच एजेंसियां अपनी नजर बनाए हुए हैं। सीबीआई को नई जांच सौंप गई है। जिसमें गवर्नमेंट टाइगर रिजर्व के पाखरु जोन में अवैध निर्माण और पेड़ों के कटान को लेकर जांच करनी है।सीबीआई ने इस मामले में एक नई एफआईआर दर्ज की है।इसको लेकर सीबीआई की एक टीम ने देहरादून और हरिद्वार में छापेमारी की है।पूर्व डीएफओ और पूर्व रेंजर से इस पूरे प्रकरण में पूछताछ भी की गई है।
🔹5000 से ज्यादा पेड़ काटने के आरोप
बखरी फॉरेस्ट रेंज में टाइगर सफारी शुरू करने को लेकर 2019 में कार्बेट प्रशासन ने इसे पीएमओ का ड्रीम प्रोजेक्ट बताते हुए, राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की परमिशन के बिना काम शुरू कर दिया गया था।कॉर्बेट पार्क प्रशासन पर 5000 से ज्यादा पेड़ काटने के आरोप लगे थे। जिसको लेकर एनटीसीएनए ने कड़ी नाराजगी जताते हुए इस मामले में जांच के आदेश दिए थे।तो वहीं राज्य सरकार ने इस मामले में विजिलेंस जांच बिठाने की कार्रवाई की थी।विजिलेंस जांच में कई लोग दोषी पाए गए थे, जिन्हें जेल भी भेजा गया था। इनमें तत्कालीन कालागढ़ के डीएफओ किशन चंद का नाम सबसे प्रमुख था।
🔹सीबीआई ने नए सिरे से शुरू की जांच
अब इस मामले में सीबीआई ने नई तरीके से जांच शुरू की है। तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत के साथ तत्कालीन वन सचिन आनंद वर्धन भी जांच के दायरे में रहे हैं. सूत्रों की मानें तो सरकार के 215 करोड़ रुपये अवैध तरीके से खर्च किए जाने के आरोप लगाए गए हैं. विजिलेंस जांच में हरक सिंह रावत के संस्थानों में पहले ही छापे डाले जा चुके हैं. जिसमें दो बड़े जनरेटर जब्त किए गए थे, जो कि सरकारी पैसे से खरीदे गए थे।
🔹हाई कोर्ट ने दिए सीबीआई जांच के आदेश
इस पूरे मामले में एक जनहित याचिका नैनीताल हाई कोर्ट में लगाई गई थी। इसके बाद नैनीताल हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करने के बाद पूर्व डीएफओ किशन चंद और पूर्व रेंजर बिहारी लाल शर्मा के हरिद्वार स्थित आवासों पर छापेमारी की।
🔹दोषियों को भुगतनी होगी सजा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राज्य सरकार की एजेंसी या कॉर्बेट प्रकरण पर अपने दस्तावेज सीबीआई को सौंप चुके हैं. इस मामले में अब सीबीआई को कार्रवाई करनी है। हमारी तरफ से सीबीआई को पूरा सहयोग किया जाएगा। जो भी इस पूरे मामले में दोषी होंगे उन्हें अपनी सजा भुगतनी पड़ेगी।