मुख्यमंत्री की विधनसभा में अतिक्रमण हटाने के नाम पर वन विभाग द्वारा मंदिर तोड़े जाने से ग्रामीणों में आक्रोश

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खटीमा: उधम सिंह नगर जनपद की सीमांत तहसील खटीमा के झनकईया में बने मंदिर को वन भूमि पर बताते हुए अतिक्रमण हटाने के नाम पर वन विभाग द्वारा मंदिर तोड़ने से नाराज ग्रामीणों ने खटीमा तहसील में प्रदर्शन कर वन विभाग पर गलत तरीके से मंदिर तोड़ने का आरोप लगाया है

 

जिस पर ग्रामीणों ने मंदिर को कैनाल की भूमि पर निर्मित का हवाला दिया है ग्रामीणों की मांग पर एसडीएम ने जमीन की पैमाइश करा कर कार्रवाई का भरोसा दिया यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड में भी सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू की जा चुकी है।

 

 

उसी मुहिम के तहत खटीमा में आज वन विभाग की टीम ने झनकईया में बने मंदिर को वन भूमि पर अतिक्रमण बताया औऱ मंदिर को तोड़ दिया। मंदिर तोड़े जाने से नाराज ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग ने जिस मंदिर को ध्वस्त किया है वह मंदिर वन भूमि पर ना होकर सरकारी कैनाल की जमीन पर बना है और वन विभाग के अधिकारियों ने बिना नोटिस दिए इस मंदिर को तोड़ा है और ना ही हमें अपना पक्ष रखने का मौका दिया है।

 

जबकि इस मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक लाख की सहयोग राशि दी गयी थी। ग्रामीणों ने तहसील में प्रदर्शन करते हुए उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट से इस पूरे प्रकरण मे दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा जो शिकायत की जा रही है उस मामले में जांच कराने और जाएगी पर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है

 

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