Nainital News:हाथी सुरक्षित रहें इसलिए ट्रैक पर बनाए जायेंगे ओवर और अंडर पास

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ट्रेन दुर्घटनाओं में हाथियों की मौत को रोकने के लिए, भारतीय रेलवे जंगली जानवरों की नियमित आवाजाही वाले क्षेत्रों में अंडरपास पुल बनाने की योजना बना रहा है।

🔹दिल्ली और काशीपुर रेल मार्ग का निरीक्षण 

ट्रेन से टकराकर हाथियों के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले बढ़ने पर वन विभाग और रेलवे प्रशासन ट्रैक के आसपास अंडरपास बनाने और बैरिकेडिंग लगाने पर विचार कर रहा है।हाथियों के आवागमन के संभावित स्थल चिह्नित किए जा रहे हैं। इसके लिए सोमवार को वन और रेल विभाग ने दिल्ली और काशीपुर रेल मार्ग का निरीक्षण किया।

🔹हाथी को बचाने की कोशिश में जुटा वन विभाग 

वन विभाग, रेलवे और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम ने सोमवार को लालकुआं-रुद्रपुर और लालकुआं-गूलरभोज रेलवे ट्रैक का संयुक्त निरीक्षण किया। तराई केंद्रीय वन प्रभाग की टांडा रेंज के अंतर्गत 15 नवंबर को ट्रेन की टक्कर से हाथी घायल हो गया था। तराई केंद्रीय वन प्रभाग की टांडा रेंज में हुई घटना के बाद वन विभाग की टीम घायल हाथी को बचाने की कोशिश में जुटा है।

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🔹दो विशेषज्ञों ने दोनों ट्रैक का किया निरीक्षण

इसके साथ ही भविष्य में घटनाओं को कम करने के उपाय तलाश करने के लिए संयुक्त निरीक्षण किया गया। रेलवे, जंगलात के साथ ही वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया से आए दो विशेषज्ञों ने दोनों ट्रैक का निरीक्षण किया। इसमें हाथियों के मूवमेंट वाले इलाके, हाथियों की संख्या आदि के बारे में जानकारी जुटाई गई है।डीएफओ हिमांशु कहते हैं कि संयुक्त निरीक्षण के बाद सुरक्षात्मक कदम उठाने को लेकर रिपोर्ट तैयार होगी, उसके आधार पर आगे कदम उठाए जाएंगे।

🔹रात में घायल हाथी के पास पहुंच रहा झुंड

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घायल हाथी घटनास्थल से 300 मीटर दूर चला गया है। उसके आसपास पानी है। हाथियों का झुंड भी कहीं आसपास ही है। डीएफओ हिमांशु ने बताया कि झुंड में करीब 15 संवाद हाथी हैं जो दिन में कहीं चले जाते हैं, लेकिन शाम को घायल हाथी के पास पहुंच जाते हैं। वन विभाग की टीम लगातार निगरानी कर रही है। घायल हाथी के उपचार के लिए देहरादून और हरिद्वार से पशु चिकित्सकों को बुलाया गया है। सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

🔹घायल मा हाथी की हालत नाजुक

ट्रैन की टक्कर से छह दिन पहले घायल हुई 9 साल की मादा हाथी का स्वास्थ्य दिन पर दिन गिरता जा रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक हाथी को गुड़ और आटे में मिलाकर दवाइयां दी जा रही है। एंटीबायोटिक एवं दर्द निवारक इंजेक्शन भी लगाए जा रहे हैं।

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