लोहाघाट कांग्रेसी विधायक पर उच्च न्यायालय नैनीताल हुआ सख्त

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चम्पावत जनपद की दूसरी विधानसभा लोहाघाट के नवनिर्वाचित कांग्रेसी विधायक खुशाल सिंह अधिकारी पर चुनाव शपथ पत्र में जानकारी छुपाने के मामले में तलवार लटक गई है,

 

उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकल पीठ ने इस संबंध में लोहाघाट विधानसभा क्षेत्र से पराजित प्रत्याशी व पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल की चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए विधायक खुशाल अधिकारी सहित अन्य सातों उम्मीदवारों ,मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी चंपावत, रिटर्निंग अधिकारी लोहाघाट को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं,

 

 

उल्लेखनीय है कि पराजित प्रत्याशी फर्त्याल ने विधायक अधिकारी के खिलाफ दायर याचिका में कहा है कि खुशाल सिंह अधिकारी ने नामांकन पत्र 24 जनवरी को दाखिल किया जबकि नामांकन पत्र के साथ जमा होने वाला शपथ पत्र 28 जनवरी को बना कर जमा किया साथ ही शपथ पत्र में सरकार के साथ हुई संविदाओ को छुपाया है यह भी कहा है कि विधायक निर्वाचित होने के बाद भी विधायक खुशाल सिंह अधिकारी ने 31 मार्च को संविदा के आधार पर ठेका प्राप्त किया है

 

 

लिहाजा जानकारी को छुपाने को लेकर संविधान के अनुच्छेद 191का उल्लंघन करार देते हुए प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9A के तहत लोहाघाट के विधायक खुशाल सिंह अधिकारी को अयोग्य घोषित करने और याचिकाकर्ता को विजयी घोषित करने की याचना की गई है।

 

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