Health Tips: बदलते मौसम में ऐसे रखें अपनी सेेहत का खास ख्याल, काम आएंगे ये जरूरी टिप्स

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जुलाई का महीना है। मौसम में बदलाव जारी है। ऐसे में बरसात का मौसम चल रहा है। इस बरसात के मौसम में सेहत का खास ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है। बरसात का मौसम लोगों को बहुत अच्छा लगता है। भीषण गर्मी में बारिश की बौछार शरीर को शीतलता प्रदान करती हैं। बरसात का मौसम गर्मी से राहत दिलाने के साथ ही कई बीमारियों को भी जन्म देता है। बरसात के मौसम में बीमारियों का खतरा बना रहता है। बरसात के बाद जलभराव से मच्छर पैदा होते हैं जोकि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बरसात के मौसम में हवा में नमी होती है। इससे वैक्टीरिया भी ज्यादा पनपते हैं।

बरसात में बाहर से घर आने पर चप्पल-जूते बाहर ही खोलें। हाथ, मुंह, पैरों को स्वच्छ जल से धोएं। आंखों में खुजली होने पर ठंडे पानी में फिटकरी मिलाकर आंखों को दो-तीन बार साफ करें। पेट संबंधी समस्या होने पर चावल, मैदा, आलू, अरबी का प्रयोग न करें। अदरक, हरी मिर्च, लहसुन, नीबू एवं चटनी का प्रयोग करें। करोंदा, प्याज, जीरा, हींग, राई व मैथी का प्रयोग भी लाभदायक रहता है। चर्म रोग वाले स्थान को साफ रखे। नीम साबुन अथवा डिटोल के पानी से धुले कपड़े पहने। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। पौष्टिक आहार का सेवन करें।

🔹स्वस्थ रहने के लिए अपनाएं यह खास टिप्स

🔹स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें

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इस मौसम में स्ट्रीट फूड से पूरी तरह तौबा करना ही ठीक रहेगा। प्रोटीन और विटामिन से भरपूर घर का बना स्वस्थ भोजन करना सबसे अच्छा है। पहले से कटे फलों में मौजूद बैक्टीरिया के संपर्क से बचने के लिए ताजी कटी हुई सब्जियों और फलों का ही सेवन करें। गर्भावस्था की क्रेविंग को पूरा करने के लिए, घर पर ही खाद्य पदार्थ तैयार करने की कोशिश करें या हेल्दी ऑप्शन के लिए आहार विशेषज्ञ से सलाह लें।

🔹इनका कर सकते हैं सेवन

यदि मछली और मांस का सेवन करती हैं, तो उसे साफ और अच्छी तरह से पकाया जाना चाहिए। ताकि अधपके भोजन से जीवाणु संक्रमण न हो। बचा हुआ खाना खाने से बचें। सभी पोषक तत्वों को पर्याप्त मात्रा में प्राप्त करने के लिए हमेशा ताजा बना खाना ही खाएं। क्योंकि बारिश में नमी के कारण बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं और फूड पॉइजनिंग होने का खतरा रहता है।

🔹तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाएं

मानसून के दौरान नमी निर्जलीकरण (Dehydration) का कारण हो सकती है । दिन भर में ढेर सारे तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। आप नारियल पानी, नींबू पानी, ताजे फलों के रस, सब्जियों के रस, सूप, शर्बत आदि का विकल्प चुन सकती हैं।सादे पानी को उबाल कर ही पीना चाहिए। पैकेज्ड जूस पीने से बचें और ताजा निचोड़ा हुआ जूस चुनें।

🔹हल्के साफ कपड़े पहने

हल्के सूती कपड़ों का सुझाव दिया जाता है, इसलिए हवादार और आरामदायक पोशाक चुनें। बिना फिसलन वाले जूते चुनें, खासकर गीले क्षेत्रों में चलते समय गिरने से बचने के लिए।

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🔹स्वच्छता का रखें ध्यान

अपने सभी कपड़ों को साफ करने के लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाले कपड़े धोने वाले कीटाणुनाशक का प्रयोग करें। आपकी त्वचा पर बैक्टीरिया को मारने के लिए यदि संभव हो, तो नीम के पानी से दिन में दो बार स्नान करें। पैरों की नियमित रूप से सफाई करने की सलाह दी जाती है, विशेष रूप से नेल बेड, क्यूटिकल्स, तलवों आदि की, क्योंकि वे गंदे बारिश के पानी से बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण का जोखिम बढ़ा सकते हैं। सार्वजनिक शौचालयों में उपयोग के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता किट ले जाना बेहतर होगा।

🔹अपने घर को सेनिटाइज करें

ठहरा पानी मच्छरों, मक्खियों आदि का प्रजनन स्थल है। अपने घर को हर दिन कीटाणुनाशक से साफ करें और गंदे पानी के संग्रह से बचने के लिए फूलों के बर्तनों, कोनों, वॉशरूम को साफ करें।

🔹इनडोर एक्सरसाइज

जब आप बारिश के कारण बाहर सैर, जॉगिंग या एक्सरसाइज न कर पा रहीं हों तो इनडोर व्यायाम का विकल्प चुन सकती हैं। यह सर्दी-खांसी और लोगों के संपर्क से फैलने वाली बीमारियों के जोखिम को कम करेगा। योग, स्टेप-एरोबिक्स, ज़ुम्बा इत्यादि, मानसून के दौरान मज़ेदार इनडोर व्यायाम करने के अच्छे तरीके हैं। गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार का व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।