Dehradun News :देहरादून को पांवटा साहिब से सीधे जोड़ने वाले एकमात्र पुल होगा बंद, जर्जर हो चुकी है हालत

0
ख़बर शेयर करें -

देहरादून को पांवटा साहिब से सीधे जोड़ने वाले एकमात्र पुल की हालत जर्जर हो चुकी है। वर्ष 1970 में यमुना नदी पर बना 750 मीटर लंबा पुल भारी वाहनों की आवाजाही के दौरान कंपन करने लगता है।

खासकर इस पुल ने खनन सामग्री से लदे बड़े-बड़े ट्रक गुजरते हैं। इस स्थिति को किसी अनहोनी की आशंका को दूर करने के लिए हिमाचल प्रदेश के लोनिवि मंत्री विक्रमादित्य ने हाल में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात की थी। ताकि पुल की मरम्मत की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।

हालांकि, इसके लिए पुल को लंबे समय तक के लिए बंद करने की जरूरत भी पड़ेगी। ऐसे में आवाजाही के लिए वैकल्पिक इंतजाम भी चिंता का कारण बना है। जिसके लिए देहरादून और सिरमौर के जिलाधिकारी आपस में मंथन कर रहे हैं। दूसरी तरफ, भविष्य में पुराने पुल से निजात पाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने भी नए पुल के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।

💠यमुना नदी का पुल महज डेढ़ लेन का

दून और पांवटा साहिब को जोड़ने वाला यमुना नदी का पुल महज डेढ़ लेन का है, जबकि वर्तमान में यहां पर ट्रैफिक का दबाव कम से कम फोर लेन का हो गया है। पुल क्षेत्र में बड़ी मात्रा में खनन भी किया जाता है। इस कारण भी पुल पर निरंतर खतरा बढ़ता जा रहा है। एनएचएआइ के सूत्रों के मुताबिक, पुल पर मरम्मत के रूप में बियरिंग संबंधी कार्य किए जाने हैं। इस काम का जिम्मा हिमाचल प्रदेश लोनिवि ने लिया है।

यह भी पढ़ें 👉  Almora News:पंतनगर विश्वविद्यालय में नवंबर में तीन दिन दिवसीय 12वां 'किताब कौतिक किताब का मेले का होगा आयोजन

इसके लिए कार्ययोजना भी तैयार की जा चुकी है। लेकिन, यह काम तभी आगे बढ़ेगा, जब पुल को यातायात के लिए बंद किया जाएगा। एनएचएआइ अधिकारियों के अनुसार, पुल को थर्मल स्ट्रेस झेलने (गर्मी वी सर्दी में सिकुड़ने और फैलने की प्रक्रिया के मुताबिक बनाना) लायक बनाना है।

इसके लिए पुल के पिलर के ऊपर के पैड और वाहन चलने वाली सतह के बीच में मरम्मत की जानी है। इस काम में दो माह का समय लग सकता है। लिहाजा, इसी के मुताबिक क्लोजर और वैकल्पिक इंतजाम की जरूरत पड़ेगी।

💠वैकल्पिक मार्ग है सबसे बड़ी चिंता

एनएचएआइ सूत्रों के अनुसार, मरम्मत के लिए जब यमुना पुल का क्लोजर किया जाएगा, तब वैकल्पिक मार्ग का इंतजाम सबसे बड़ी चुनौती है। विकल्प के रूप में यमुनानगर से वाहनों का संचालन किया जा सकता है, लेकिन यह रूट दून और पांवटा साहिब के बीच की दूरी को दो घंटे तक बढ़ा सकता है। लिहाजा, लोनिवि हिमाचल प्रदेश की कार्ययोजना के मुताबिक देहरादून और सिरमौर के जिलाधिकारी ही अंतिम निर्णय लेंगे।

यह भी पढ़ें 👉  देश विदेश की ताजा खबरें मंगलवार 10 सितंबर 2024

💠मई 2025 तक बनेगा नया फोरलेन पुल

एनएचएआइ अधिकारियों के मुताबिक देहरादून-पांवटा साहिब राजमार्ग के चौड़ीकरण योजना के तहत ही नया फोरलेन पुल प्रस्तावित है। यह पुल देहरादून की तरफ से जाते हुए यमुना नदी के पुराने पुल के बाएं तरफ एक से डेढ़ किलोमीटर दूरी पर बनाया जाएगा। जो मेदनीपुर से पांवटा साहिब बाईपास रोड पर मिलेगा। इसकी लंबाई 1150 मीटर होगी और लागत करीब 390 करोड़ रुपये की आएगी। नए पुल के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है।

💠शिफ्ट होंगी जांच चौकियां

वर्तमान में पांवटा साहिब पुल के पास ही उत्तराखंड की पुलिस चौकी से लेकर परिवहन चेकपोस्ट, वीएन विभाग की चौकी और जीएसटी का कार्यालय है। जांच के दौरान वाहनों की लंबी कतार पुल के ऊपर तक पहुंच जाती है। ऐसे में पुल पर अतिरिक्त लोड पड़ता है। जिसे देखते हुए इन चौकियों को देहरादून की तरफ कम से कम एक किलोमीटर दूर स्थापित किए जाने की संस्तुति भी की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *