Chamoli Incident:चमोली हादसे को लेकर बड़ा अपडेट, पुलिस ने इन तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार
चमोली एसटीपी में करंट लगने से हुए दर्दनाक हादसे में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। विद्युत उपकरणों की देखरेख में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस ने 3 अभियुक्तों, पवन चमोला (सुपरवाईजर ज्वांइट वेंचर कम्पनी), महेन्द्र सिंह जयपाल (लाईनमैन उत्तराखण्ड विद्युत विभाग) व हरदेव लाल आर्य (प्रभारी सहायक अभियन्ता उत्तराखण्ड जल संस्थान) को गिरफ्तार किया है। इस हादसे में 4 पुलिसकर्मियों समेत 16 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 11 घायल हुए हैं।
🔹विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही
20 जुलाई को इस घटना के मामले में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी विवेचना में पुलिस जुटी थी। पुलिस ने विद्युत विभाग, जल संस्थान के अधिकारियों से पूछताछ और घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद इस बात की पुष्टि की कि एसटीपी के संचालन में घोर लापरवाही बरती गई है। जांच में सामने आया कि एसटीपी प्लांट को चलाने वाली ज्वांइट वेंचर कम्पनी 1-जेबीएम व 2-कॉन्फिडेंट इंजीनियरिंग इण्डिया प्राईवेट लिमिलेट ने पवन चमोला को सुपरवाइजर नियुक्त किया था। ये बात सामने आई कि जल संस्थान के प्रभारी सहायक अभियन्ता हरदेव लाल आर्य और ज्वाइंट वेंचर कम्पनी के स्वामियों एवं अधिकारियों ने खतरनाक विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही बरती।
🔹19 जुलाई हुआ करंट लीक
यही नहीं कंपनी के अधिकारियों और जलसंस्थान के सहायक अभियंता ने सुरक्षा मानकों के विपरीत चेंज ओवर को बॉक्स के ऊपर रखा था। इस प्रकार सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को टीनशैड एवं विद्युत सुचालक लौह धातु से बनी संरचना में इस प्रकार चलाया जा रहा था जिससे कि 19 जुलाई को करंट लीक होने पर यह पूरे प्लांट में फैल गया। इस तरह जघन्य अपराध मानव वध की घटना घटित हुई।
🔹पुलिस की कार्यवाही
विवेचना में एसटीपी प्लांट के संचालन एवं सुपुर्दगी के अनुबंध में गंभीर अनियमितताएं पायी गई हैं और पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए घटना में संलिप्त 3 अभियुक्तों को दिनांक 21.07.2023 को बाद कड़ी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। घटना में संलिप्त ज्वांइट वेंचर के स्वामी एवं प्रोजेक्ट मैंनेजर एवं अन्य संलिप्त व्यक्तियों के संबंध में विवेचना प्रचलित है साक्ष्य संकलन जारी है।