Almora News :समर्थ पोर्टल बंद होने से फूटा आक्रोश
अल्मोड़ा। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए संचालित योजनाएं ही विद्यार्थियों पर भारी पड़ रही हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत के 4,200 से अधिक विद्यार्थी इसका प्रमाण हैं।
💠सीबीएसई की कंपार्टमेंट और उत्तराखंड बोर्ड की सुधार परीक्षा का परिणाम आने से पहले ही एसएसजे विवि में प्रवेश के लिए समर्थ पोर्टल बंद हो गया है। ऐसे में इन परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों को महाविद्यालयों में प्रवेश कैसे मिलेगा, इसको लेकर अभिभावक चिंतित हैं।
💠पहली बार उत्तराखंड बोर्ड में असफल विद्यार्थियों को सुधार परीक्षा का मौका दिया गया है।
वहीं सीबीएसई में कंपार्टमेंट की व्यवस्था पूर्व से लागू है। चारों जिले के करीब 1,200 विद्यार्थियों ने सीबीएसई की कंपार्टमेंट परीक्षा दी है जबकि इंटरमीडिएट के 2,000 विद्यार्थी उत्तराखंड बोर्ड की सुधार परीक्षा दे रहे हैं। कंपार्टमेंट परीक्षा का परिणाम आना है, जबकि उत्तराखंड बोर्ड की सुधार परीक्षा का परिणाम कब तक आएगा किसी को नहीं पता। इस सब के बीच एसएसजे विवि के अधीन इन सभी जिलों में संचालित कैंपस और महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए समर्थ पोर्टल बंद कर दिया गया है। ऐसे में कंपार्टमेंट और उत्तराखंड बोर्ड की सुधार परीक्षा में सफल विद्यार्थियों को महाविद्यालयों में प्रवेश कैसे मिलेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
💠पोर्टल खोलने के लिए कुलपति को दिया ज्ञापन
अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना परिसर के विद्यार्थियों ने समर्थ पोर्टल को दोबारा खोलने की मांग को लेकर कुलपति प्रो.जगत सिंह बिष्ट को ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि कंपार्टमेंट और सुधार परीक्षा के परिणाम अब तक घोषित नहीं हुए हैं। इस बीच पोर्टल बंद कर दिया गया है, इससे परिणाम घोषित होने के बाद विद्यार्थी प्रवेश के लिए पंजीकरण नहीं कर सकेंगे। चेतावनी दी कि पोर्टल दोबारा नहीं खोला गया तो वे आंदोलन करेंगे। इस मौके पर छात्रसंघ महासचिव गौरव भंडारी, अभिषेक बनौला, गिरीश चंद्र पांडे, निशांत पांडे, नवीन पांडे, पंकज भट्ट आदि मौजूद रहे।
💠पोर्टल प्रांतीय स्तर से बंद हुआ है। निश्चित तौर पर उत्तराखंड बोर्ड की सुधार और कंपार्टमेंट परीक्षा में शामिल विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रहेंगे। इस संबंध में उच्चाधिकारियों से वार्ता की जाएगी। यदि इन विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए इंतजार किया तो सत्र पीछे खिसकेगा।
– प्रो. जगत सिंह बिष्ट, कुलपति, एसएसजे विवि, अल्मोड़ा