Almora News:अखरोट और बादाम की खेती से संवरेगा चौबटिया उद्यान,आठ हजार से अधिक पौधे रोपने का लक्ष्य
राज्य में अखरोट की खेती 17564 हेक्टेयर में होती है और उत्पादन है 21170 मीट्रिक टन।पर्यटन नगरी की विशेष पहचान चौबटिया उद्यान में अब सेब के साथ अखरोट और बादाम के पेड़ लहलहाएंगे। इस जाड़ों में यहां आठ हजार पौधे रोपे जाएंगे। इनमें पांच हजार के करीब अखरोट और बादाम के होंगे।
🔹पुराने स्वरूप में लौटाने की कवायद शुरू
अखरोट की प्रजाति उद्यान में ही ग्राफ्टिंग से विकसित की गई है। बेहद कमजोर छाल के अखरोट इसकी विशेषता होगी। बादाम के पौधे हिमाचल से आएंगे। बागवानी की नई तकनीक के साथ ही नई प्रजाति के फलदार पौधों को विकसित करने वाला यह प्रसिद्ध चौबटिया उद्यान पूर्व में अनदेखी का सामना कर रहे हैं। अब इसे पुराने स्वरूप में लौटाने की कवायद शुरू हुई है। सेब उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले इस उद्यान में अब अखरोट और बादाम के पेड़ भी लहलहाएंगे।
🔹आठ हजार से अधिक पौध रोपने का लक्ष्य
ग्राफ्टिंग तकनीक से विकसित अखरोट की उन्नत किस्म की चौबटिया सिलेक्शन प्रजाति के पौधों का रोपण होगा। इस प्रजाति को यहां के वैज्ञानिकों ने पर्वतीय क्षेत्र के मौसम के अनुरूप विकसित किया है जो यहां के किसानों की आजीविका बढ़ाने में सहायक होगा। हिमाचल से बादाम के पौधे मंगाए जाएंगे। उद्यान अधिकारियों के मुताबिक जल्द पौधों का रोपण होगा और किसानों को भी पौध बांटी जाएगी। जाड़ों में आठ हजार से अधिक पौध रोपने का लक्ष्य निर्धारित है।
🔹तीन साल में फल देना होगा शुरू
उद्यान के वैज्ञानिकों ने अखरोट की जो प्रजाति विकसित की है। इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों का मौसम अनुकूल है। इस प्रजाति की विशेषता यह है कि इसका उत्पादन तो अधिक होगा और फल दांतों से भी तोड़ा जा सकता है। तीन साल बाद यह प्रजाति फल देना शुरू करती है।अखरोट की प्रजाति उद्यान में विकसित की गई है जो पर्वतीय क्षेत्रों के लिए मुफीद है। किसानों को भी पौध उपलब्ध की जाएगी-डॉ. ब्रजेश कुमार गुप्ता, उद्यान अधीक्षक, चौबटिया उद्यान, रानीखेत।