दुग्ध संघों व दुग्ध फैडरेशन में राजनैतिक हस्तक्षेप रोका जाय:-उत्तराखंड क्रांति दल
अल्मोड़ा- आज यहां उत्तराखंड क्रांति दल अल्मोड़ा इकाई ने दुग्ध संघों व दुग्ध फैडरेशन में राजनैतिक हस्तक्षेप रोकने व फील्ड कर्मचारियों के वेतन काटने के आदेश को रोकने की मांग मुख्यमंत्री तथा दुग्ध विकास मंत्री से की जिला मुख्यालय से रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजे पत्रों में उक्रांद ने लिखा है
कि राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते जहां उत्तराखंड कोआपरेटिव डेरी फेडरेशन की प्रवन्ध कमेटी भंग हैं वहीं दुग्ध संघ की प्रवन्ध कमेटियां भी इसकी शिकार हो कार्य नहीं कर पा रही हैं जिसका सीधा प्रभाव दुग्ध संघों के कार्यों पर पड़ रहा है परिणाम स्वरूप कुछ अन्य कारणों के चलते दुग्ध उपार्जन भी गिर रहा है।
बिगत वर्ष खुरपका -मुहपका रोग के चलते किसानों के पशु मरे ही नहीं, गर्भपात व ब्यात अनियमितता के शिकार भी हो गये पशुपालन विभाग के पास न तो इसे रोकने के लिए टीकाकरण की ब्यवश्था थी और न बिमारी के इलाज की जिससे दुग्ध उत्पादन बहुत घट गया है । सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एन सी डी सी के तहत् ऋण योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नियमों व क्रियान्वयन की जटिलता के चलते कर्मचारियों पर भारी दबाव तथा लक्ष निर्धारित करने के बावजूद अधिक सफल नहीं हो रही है ।
राज्य व जिला योजना में दुग्ध संघों को दी जाने वाली सहायता में कटौती के कारण दुग्ध संघ दुग्ध उत्पादकों को उचित मूल्य व समय से उनका भुगतान नहीं कर पा रहे हैं जिससे दुग्ध उत्पादन निरंतर घट रहा है।ऐसी स्थिति में केवल फील्ड स्टाफ को जिम्मेदार मान केवल उनके वेतन में कटौती उचित नहीं है यदि सरकार कटौती ही इसका समाधान मानती है तो निचले स्तर से लेकर शासन में संबंधित सचिव तक के वेतन में कटौती हो उक्रांद ने कटौती रोकने दुग्ध सहकारिता में राजनैतिक हस्तक्षेप रोकने की मांग करते हुए चेतावनी दी है
कि सरकार व अधिकारियों का दुग्ध संघों के प्रति यही रवैया रहा तो सरकार और अधिकारियों की मनमानियों के बिरूद्ध उक्रांद आन्दोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होगा। ज्ञापन में उक्रांद जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला, ब्रह्मानन्द डालाकोटी, आनन्द सिंह बिष्ट, मोहन चंद आदि के हस्ताक्षर हैं।