National Youth Day:स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती आज, जाने इस दिन क्यों मनाते है राष्ट्रीय युवा दिवस

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हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती मनाई जाती है।इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।विवेकानंद बहुत कम उम्र में ही संन्यासी बन गए थे. पश्चिमी देशों को योग-वेदांत की शिक्षा से अवगत कराने का श्रेय स्वामी जी को ही जाता है।स्वामी विवेकानंद ने 19वीं शताब्दी के अंत में विश्व मंच पर हिंदू धर्म को एक मजबूत पहचान दिलाई थी. स्वामी विवेकानंद का असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, जिन्हें नरेन के नाम से भी जाना जाता है।बहुत कम उम्र में ही उनका झुकाव अध्यात्म की तरफ हो गया था।

🔹25 वर्ष की आयु में बन गए थे साधु 

बचपन से ही बुद्धिमान थे विवेकानंद- स्वामी जी बचपन से ही बहुत बुद्धिमान थे। कहा जाता है कि मां के आध्यात्मिक प्रभाव और पिता के आधुनिक दृष्टिकोण के कारण ही स्वामी जी को जीवन अलग नजरिए से देखने का गुण मिला.स्वामी जी के पिता कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक वकील थे. उनके दादा दुर्गाचरण दत्त संस्कृत और फारसी भाषा के विद्वान थे और 25 वर्ष की आयु में साधु बन गए थे।

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🔹इस साल की थीम

इस साल राष्ट्रीय युवा दिवस की थीम है, ‘इट्स ऑल इन द माइंड’, मतलब सब कुछ आपके दिमाग में है।सरल शब्दों में कहा जाए तो अगर किसी से कुछ करने की ठान ली, तो उसे पूरा करने से आपको कोई नहीं रोक सकता।

🔹स्वामी विवेकानंद जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?

स्वामी विवेकानंद के जीवन और कार्य ने कई वर्षों से लाखों लोगों को प्रेरित किया है. 1985 में, भारत सरकार ने एक नोट बनाया इस उद्देश्य के साथ कि विवेकानंद की विचारधारा विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित कर सकती है और उनके जीवन को आकार देने में मदद कर सकती है. तभी से उनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है.

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🔹राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का उद्देश्य

राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर हर साल स्कूलों और कॉलेजों में भाषणों, प्रतियोगिताओं जैसे विभिन्न कार्यक्रमों और समारोहों का आयोजन किया जाता है. इसका उद्देश्य भारत के युवाओं में प्रतिभा को बढ़ाने में मदद करना है और उन्हें यह व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करना है कि वे विभिन्न मुद्दों के बारे में कैसा और क्या महसूस करते हैं. राष्ट्रीय युवा दिवस के उत्सव में विभिन्न सम्मेलनों और कार्यक्रमों का आयोजन होता है जिसमें भारत के युवा भाग लेते हैं और विचारों का आदान-प्रदान करते हैं,और स्वामी विवेकानंद के जीवन और कार्यों का जश्न मनाते हैं।

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