Uttrakhand News :मैदान के बाद अब पहाड़ में भी मिल रहे डेंगू के मरीज
उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में कहर बरपाने के बाद अब डेंगू का प्रकोप पर्वतीय क्षेत्रों में भी शुरू हो गया है। इन क्षेत्रों में यदि मरीज बढ़े तो लोगों को इलाज के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
💠आमतौर पर डेंगू को मैदानी क्षेत्रों की बीमारी माना जाता है।
इस बीमारी को फैलाने वाला एडीज प्रजाति का मच्छर कम ऊंचाई और उमस वाले क्षेत्रों में ही पाया जाता है, लेकिन अब डेंगू के मरीज पर्वतीय शहरों में भी मिलने लगे है। अभी तक सात पर्वतीय जिलों में डेंगू मरीज मिलने की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग में इंट्रीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के इंचार्ज डॉ. पंकज सिंह का कहना है कि पहाड़ पर डेंगू मरीज मिलने की वजह वहां मच्छर होना नहीं है।
💠मैदान में संक्रमित होने की वजह से लोग वहां पहुंचकर बीमार हो रहे हैं। पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरपी भट्ट का भी कहना है कि मैदान से संक्रमण जाने के साथ ही अब पहाड़ के कस्बों में भी मैदानी शहरों जैसे हालात पैदा हो रहे हैं।
💠पहाड़ पर भी पनप रहे मच्छर
पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डॉ. एलएम उप्रेती का कहना है कि बदलती पर्यावरणी परिस्थितियों की वजह से पहाड़ पर भी मच्छरों का फैलाव हो रहा है। पहले माना जाता था कि पहाड़ पर मलेरिया नहीं होता, लेकिन 1980 के करीब उनकी ओर से की गई एक रिसर्च में नैनीताल में मलेरिया का मच्छर होने की पुष्टि हुई थी। डेंगू का मच्छर भी अब पहाड़ तक पहुंच गया है।
💠सात पर्वतीय जिलों में मिले 191 मरीज
राज्य में अभी तक पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चंपावत पर्वतीय जिलों में डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इन जिलों में अभी तक कुल 191 डेंगू के मरीज मिले हैं। जिसमें सबसे ज्यादा 135 मरीज पौड़ी जिले में जबकि 27 मरीज चमोली जिले में मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ जिलों में अभी डेंगू का एक भी मरीज नहीं मिला है।
💠डेंगू के ज्यादातर मरीज मैदानी क्षेत्रों में ही हैं। इसके बावजूद राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों को डेंगू के इलाज की सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा गया है। डेंगू मच्छर के लार्वा के खिलाफ महाअभियान शुरू किया गया है।
डॉ. आर राजेश कुमार, सचिव स्वास्थ्य.