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अगस्त में सामान्य से अधिक बारिश के बाद सितंबर में भी झमाझम बारिश करने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत और आसपास के क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है।

अगस्त में सामान्य से लगभग 16 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इस दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में 253.9 मिमी बारिश हुई, जो 2001 के बाद से अगस्त में दूसरी सर्वाधिक वर्षा है।

मौसम विभाग ने कहा कि भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है। हालांकि, दक्षिणी प्रायद्वीप के कई भागों, उत्तरी बिहार और उत्तर-पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश भागों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।

💠सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने वर्चुअल प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, देश में सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है। इस अवधि में लंबी अवधि के औसत से 109 प्रतिशत अधिक 167.9 मिमी वर्षा हो सकती है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में भारी से बहुत भारी वर्षा का अनुमान है। इन क्षेत्रों में बाढ़ आने की भी आशंका है।

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💠मौसम विभाग ने भूस्खलन को लेकर भी सतर्क किया

मौसम विभाग ने भूस्खलन को लेकर भी सतर्क किया है। अनुमान है कि सितंबर में प्रत्येक सप्ताह बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाब का क्षेत्र बनेगा जिससे पूरे देश में वर्षा होगी। मानसून के सामान्य बने रहने की उम्मीद है। बंगाल की खाड़ी में बनने वाला कम दबाव का क्षेत्र हिमालय की तलहटी की ओर भी पहुंच सकता है। पश्चिमी विक्षोभ की भी संभावना है।

महापात्र ने कहा कि देश में अगस्त में 287.1 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य तौर पर 248.1 मिमी बारिश होती है। कुल मिलाकर एक जून को मानसून की शुरुआत से भारत में अब तक 749 मिमी वर्षा हुई है, जबकि इस अवधि में सामान्य तौर पर 701 मिमी बारिश होती है।

💠कई जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई

उन्होंने कहा, 10 अगस्त से 22 अगस्त तक मानसून के सामान्य स्थिति में रहने से उत्तरी, समीपवर्ती मध्य भारत, पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों, सुदूर दक्षिणी प्रायद्वीप, विशेषकर तमिलनाडु में अच्छी वर्षा हुई। निम्न दबाव के क्षेत्र के सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर बढ़ने से 23 से 31 अगस्त तक भारत के मध्य और पश्चिमी भागों में बहुत भारी वर्षा हुई, जबकि हिमालय के तराई क्षेत्रों, पूर्वोत्तर के कई जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई। केरल और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भी कम वर्षा हुई। इस वर्ष अगस्त माह में मानसून में रुकावट की स्थिति देखी गई।

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मैडेन-जूलियन आसिलेशन (एमजेओ) महीने के दूसरे हिस्से में बहुत सक्रिय रहा, जिससे भारत में अच्छी बारिश हुई। एमजेओ समुद्री-वायुमंडलीय घटना है जो दुनिया भर में मौसम को प्रभावित करती है। यह अफ्रीका में उत्पन्न होती है और पूर्व की ओर बढ़ती है। इसकी अवधि 30 से 60 दिन होती है।

💠अल्मोड़ा में आज का मौसम

बीते शनिवार अल्मोड़ा जिले में सुबह से ही मौसम साफ रहा और धूप खिली रही, अल्मोड़ा जिले में आज मौसम विभाग के अनुसार दिन भर आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे वही मध्य हवा भी चलेंगी देर सायं कुछ क्षेत्र में मध्यम वर्षा की संभावना है।

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