चेतावनी आयोग की :- उत्तराखंड में निर्वाचन आयोग की रडार पर फर्जी सियासी संगठन

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देहरादून:- इन दिनों उत्तराखंड में चुनाव आयोग द्वारा एक बड़े एक्शन की संभावना है और चुनाव आयोग के इस एक्शन की रडार पर सीधे-सीधे वह राजनीतिक पार्टियां हैं

 

जो कि पंजीकरण तो हैं मगर चुनावी गतिविधियों में उनकी मौजूदगी नदारद होती है निर्वाचन आयोग को अब उत्तराखंड में 40 से ज्यादा सियासी पार्टियों की तलाश है और ये वो पार्टियां हैं जो ऑडिट रिपोर्ट और पार्टी को मिले फंड के अलावा भारी-भरकम खर्चों का पुलिंदा समाए हुए हैं

 

 

पुख़्ता जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग द्वारा इन्हें कई बार नोटिस तक जारी किए गए हैं इतना ही नहीं इसके अलावा जब भी निर्वाचन आयोग द्वारा इनका भौतिक सत्यापन कराया गया तो इन राजनीतिक पार्टियों के पते फर्जी निकल आए और निर्वाचन आयोग द्वारा प्रेषित नोटिस इसी कारण बैरंग लौट आए मग़र अब मामले की गंभीरता परख निर्वाचन आयोग सख्त रुख अख्तियार कर चुका है

 

 

और 25 जून तक हर हाल में सार्वजनिक सूचना जारी करते हुए इसकी जानकारी तलब की गई है हालांकि कई मर्तबा नोटिस भेजने के बावजूद भी लेखा-जोखा उपलब्ध न कराने पर इन राजनीतिक पार्टियों का पंजीकरण भी समाप्त किया जा सकता है अंदेशा यह लगाया जा रहा है कि चुनावी मौसम के दरमियां इस प्रकार अचानक जन्म लेने वाले राजनैतिक संगठन विपक्षी पार्टियों के वोट बैंक कटौती के लिए ही निर्मित किए जाते हैं और राजनैतिक संगठन भी ऐसे हैं

 

 

जिनका ना तो कभी नाम सुना होगा और ना ही इनकी गतिविधियां चुनाव के दौरान पाई जाती हैं जिनमे भारत कौमी दल सहित भारतीय शक्ति सेना, मैदानी क्रांति दल, प्रगतिशील लोक मंच, प्रजातांत्रिक पार्टी ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय ग्राम विकास पार्टी और जनता कैबिनेट पार्टी शामिल हैं !

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