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प्रदेश में विभिन्न विभागों में तैनात उपनल कर्मी अब निकाले नहीं जाएंगे। सूत्रों की मानें तो बुधवार को कैबिनेट की बैठक में उपनल कर्मियों के नियमितीकरण के संबंध में हुई औपचारिक चर्चा के दौरान कैबिनेट इस बात पर एकमत नजर आई।

इस दौरान बताया गया कि उपनल कर्मियों को नियमित करने के लिए नियमावली बनाई जा रही है।

नियमावली का ड्राफ्ट तैयार करने के बाद इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। हाईकोर्ट के निर्णयों के क्रम में प्रदेश सरकार को उपनल कर्मियों को नियमित करना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसकी घोषणा भी कर चुके हैं। यद्यपि, उपनल कर्मियों को नियमित करना आसान नहीं है। कारण अधिकांश विभागों में उपनल कर्मियों की तैनाती नियमित पदों के सापेक्ष की गई है।

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ऐसे में यदि इन्हें नियमित करना है तो इसमें सीधी भर्ती के पदों पर आरक्षण के नियम को लागू करना होगा। इसके साथ ही कई पद ऐसे हैं, जिनमें भर्ती की व्यवस्था लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाती है। जाहिर है कि इन पदों को भरने के लिए भी नियमों में बदलाव करना होगा।

यही कारण भी रहा कि सरकार ने उपनल कर्मियों के नियमितीकरण को नियमावली बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रमुख सचिव आरके सुधांशु की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

इस समिति में प्रमुख सचिव न्याय प्रशांत जोशी, सचिव कार्मिक शैलेश बगौली, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र कुमार चौधरी, सचिव श्रीधर बाबू अद्दांकी व उपनल के प्रबंध निदेशक को शामिल किया गया है। यह समिति सभी विधिक बिंदुओं का विस्तृत अध्ययन करने के बाद नियमावली का ड्राफ्ट तैयार करेगी, जिसे स्वीकृति के लिए कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा।

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वहीं, बुधवार को कैबिनेट की बैठक में भी उपनल कर्मियों के नियमितीकरण के संबंध में औपचारिक चर्चा की गई। इसमें यह कहा गया कि जब सरकार उपनल कर्मियों को नियमित करने की दिशा में कदम उठा ही रही है तो फिर विभिन्न विभागों में तैनात उपनल कर्मियों को न हटाया जाए।

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