बागेश्वर की 85 वर्ष की मालती जोशी आज भी निभा रही है अपने पूर्वजों की परम्परा को

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बागेश्वर जनपद के हरसिला का 180 वर्ष पुराना शिव मंदिर आज जीर्ण शीर्ण हालत में है जबकि जनपद मुख्यालय से इसकी दूरी मात्र 11 किलोमीटर है

 

बताया जा रहा है कि 180 पूर्व में दुर्गा दत जोशी जी ने
इस मंदिर की स्थापना की थी जो आज देखरेख अभाव में है

 

बताया जाता है कि इस शिव मंदिर के लिये दुर्गा दत जोशी को इस मंदिर के लिये यहाँ के ग्रामीणों ने अपनी भूमि को दान में दिया था जिसमें उनके द्वारा अनेक धर्मीर्क कार्यक्रम व अनुष्ठान किये जाते थे पर आज इसकी देखरेख अकेले उनकी बहू मालती जोशी 85 वर्ष की उम्र में भी अपने परिवार की परंपरा को निभा रही है

 

 

दरसल दुर्गा दत्त जोशी एक आध्यत्मिक विचारधारा के थे जिन्होंने 180 वर्ष पूर्व में इस मंदिर की स्थापना की और इस मंदिर में शिवपुराण,रामायण,जैसे अनुष्ठान लगातार विधिवत किये जाते थे उनके देहांत के बाद उनके पुत्र गोविंद जोशी द्वारा इसका निर्वहन करते हुए इस परंपरा को आगे बढ़ाया कुछ समय बाद उनका भी देहांत हो गया

 

 

जिसके बाद उनकी पत्नी मालती जोशी द्वारा अपने पूर्वजों के द्वारा बनाये गए इस मंदिर के देखरेख की जाती है 85 वर्ष की उम्र में भी मालती जोशी द्वारा मंदिर में हर धर्मीर्क पूर्व पर पूजा अर्चना व इसका रखरखाव किया जाता है लगभग 300 परिवार वाले इस गाँव के लोग जोशी परिवार के इस योगदान को आज भी याद करते हैं पर इतने बड़े गाँव के लोगों व प्रतिनिधि व सरकार द्वारा इस मंदिर के लिए कोई भी जिम्मेदारी नहीं उठाई जा रही है जबकि 180 वर्ष पुराने इस शिव मंदिर अब पूरी तरह से जीर्ण शीर्ण हालात में है

 

 

समाजिककार्यकर्ता प्रताप सिंह नेगी ने का कहना है की उत्तराखंड राज्य जो देवभूमि के नाम से जाना जाता है पर आज 300 परिवार वे गाँव के लोगों को इस शिब मंदिर के लिए आगे आना चाहिए और जनप्रतिनिधियों व सरकार से इस मंदिर के रखरखाव के लिये बढ़चढ़ कर भागीदारी करनी चाहिए

 

 

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