SOCCH NGO पीरियड्स को लेकर लगातार चला रहा है अभियान

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*SOCCH NGO ने बाड़ेछिना में चल रहे NSS शिविर में पीरियड्स को लेकर चलाया जागरूकता और पैड वितरण कार्यक्रम, ग्रामीण महिलाओं और छात्राओं ने भी साझा किये मासिक धर्म से जुड़े अनुभव*

अल्मोड़ा। आज अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज बाड़ेछीना में आयोजित एसएसजे परिसर अल्मोड़ा की राष्ट्रीय सेवा योजना की तीन इकाइयों के संयुक्त सात दिवसीय शिविर के पंचम दिवस के अंतर्गत आयोजित बौद्धिक सत्र के दौरान SOCCH NGO द्वारा माहवारी को लेकर जागरूकता और पैड वितरण कार्यक्रम को आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सोच एनजीओ की ओर से आशीष पंत और राहुल जोशी ने छात्राओं और ग्रामीण महिलाओं से संवाद स्थापित किया और सभी को मासिक धर्म से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराई।

एनएसएस सोबन सिंह जीना विवि यूनिट के संयोजक प्रो० डी० एस० धामी ने SOCCH संस्था के सदस्यों का बैज अलंकरण कर स्वागत किया। प्रो० धामी ने कहा कि वो निकट भविष्य में भी सोच संस्था के साथ निरन्तर कार्य करते रहेंगे।

कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं एवं एनएसएस की छात्राओं ने अपने अनुभवों को सोच संस्था के साथ साझा किया।इस दौरान सोच संस्था की वोलेंटियर हिमांशी भंडारी ने महिलाओं को पैड इस्तेमाल करने की जानकारी के साथ ही मेस्ट्रूअल कप को इस्तमाल करने की जानकारी भी उपलब्ध करवाई।

इस अवसर पर कार्यक्रम में अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के छात्र महासंघ के अध्यक्ष देवाशीष धानिक भी उपस्थित रहे। जिन्होंने विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्रावास में पैड डिस्पोजेबल मशीन एवं विश्वविद्यालय के सभी कैंपस और महाविद्यालयों में शीघ्र ही सेनिटरी वेंडिंग लगाए जाने की बात कही। साथ ही उन्होंने विगत 3 वर्षों से आशीष और राहुल के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की व भविष्य में सोच संस्था के बैनर तले हो रहे कार्यक्रमों में सभी से सहयोग की अपील भी की।

इस मौके पर ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि वह आज भी अपने घरों में रूढ़िवादी परंपराओं का पालन करती आ हैं। जिस पर इतिहास की शिक्षिका डॉ. प्रेमा खाती द्वारा उन्हें मासिक धर्म से जुड़े प्राचीन इतिहास के बारे में जानकारी दी गई। डॉ प्रेमा ने ग्रामीण महिलाओं को बताया कि प्राचीन समय में यह रीति हमारे पूर्वजों द्वारा महिलाओं को पीरियड्स के दौरान आराम देने के उद्देश से बनाई गई थी परंतु समय के साथ यह रीति कुरीति में परिवर्तित हो गई है। जिसके लिए हमें सभी समाज के लोगों को जागरूक करना होगा और इस मुहिम में सोच संस्था का साथ देना होगा।

सत्र के समापन उद्बोधन में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रविंद्र नाथ पाठक द्वारा समस्त अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा गया कि समस्त स्वयंसेवी व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण की आधारभूत संरचना को दृष्टिगत रखते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य की पूर्ति तथा अपने सर्वांगीण विकास के लक्षण में सफलता प्राप्त करेंगे।

इसके उपरांत समस्त आगन्तुकों द्वारा स्वयंसेवियों के साथ ही भोजन भी ग्रहण किया गया।
जागरूकता और पैड वितरण कार्यक्रम में एनएसएस यूनिट के संयोजक प्रो. डी. एस. धामी, डॉ. रविन्द्र नाथ पाठक, छात्र महासंघ अध्यक्ष देवाशीष धानिक, सोच संस्था से आशीष पंत और राहुल जोशी, हिमांशी, प्रियंका, पारस, शिक्षक अंकित बिष्ट, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रेमा खाती, सहायक कार्यक्रम अधिकारी डॉ. लक्ष्मी वर्मा, कार्यक्रम सहायक नंदन सिंह, जितेंद्र कुमार सहित राहुल जोशी, शालिनी तिवारी, नवनीत धर्मशक्तु, सुरेंद्र धामी, पारस बिष्ट, गीता तिवारी, अंजलि, श्रुति, साक्षी, प्रेरणा, यामिनी सहित समस्त स्वयंसेवी उपस्थित रहे

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