नैनीताल के व्यू पॉइंट टिफिन टॉप का अस्तित्व खतरे में,पर्यटकों की आवाजाही पर रोक,डीएम ने जारी किया आदेश

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शहर के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल टिफिनटाप में व्यू प्वाइंट डोरोथी सीट पर पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों की आवाजाही को जिला प्रशासन ने प्रतिबंधित कर दिया है।सालों से टिफिनटाप में डोरोथी सीट पर चौड़ी होती दरारों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। 

नैनीताल की चायना पीक चोटी सहित टिफिनटाप सहित अन्य पहाड़ियों में चौतरफा खतरे पर आधारित खबरों को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है। जागरण ने कोविड काल में भी टिफिनटाप के व्यू प्वाइंट की चौड़ी होती दरारों का मामला प्रमुखता से उठाया था। तब भी जिला प्रशासन की टीम ने निरीक्षण किया था। 

हाल ही में यहां दरारें लगातार चौड़ी होती रहीं। ऐसे में प्रसिद्ध फोटोग्राफर व पदमश्री अनूप साह ने जिला प्रशासन से खतरे की सुध लेने का अनुरोध किया था। जिसके बाद डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने दरारों व भूस्खलन को गंभीरता से लेते हुए भू-वैज्ञानिक, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, सहायक अभियंता सिंचाई, लोनिवि, राजस्व एवं वन विभाग की स्थलीय सर्वे को टीम का गठन किया था। 

भू-स्खलन एवं दरारों को रोकने को सुझाव दिए 

सोमवार को टीम ने संयुक्त निरीक्षण कर टिफिनटाप पर हो रहे भू-स्खलन एवं दरारों को रोकने को सुझाव दिए। सर्वे के दौरान पाया कि उत्तरी व दक्षिणी छोर पर पड़ी दरारें कार्बोनेट चट्टानों की संधियों के मध्य विचलन के कारण उत्पन्न हुई हैं। 

टीम ने आंकलन कर बताया गया कि जब तक स्थाई रूप से भू-तकनीकी सर्वेक्षण न हो, पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत डोरोथी सीट व्यू प्वाइंट पर आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाए। डीएम ने समिति की सर्वे आख्या के आधार पर पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत डोरोथी सीट पर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को तत्काल व्यू प्वांइट स्थल पर चेतावनी, काशनबोर्ड के साथ ही प्रवेश स्थल के आसपास मजबूत तारबाड़ या बैरीकेडिंग करने के निर्देश दिए हैं। 

अंग्रेज महिला के नाम पर है टिफिनटाप 

शहर के इर्द-गिर्द ऐसे खूबसूरत स्पाट हैं, जिनकी खोज का श्रेय अंग्रेजों को जाता है। नैनीताल में टिफिनटाप का डोरोथी सीट भी इन्हीं में से एक है। समुद्र तल से 7520 मीटर ऊंचाई पर स्थिति टिफिनटाप प्राकृतिक सुंदरता का खजाना है। ऊंचे देवदार व बांज के वृक्ष इसके सौंदर्य पर चार चांद लगाते हैं। 

पहाड़ का टाप होने के साथ नैनीताल के शानदार दर्शन कराने वाले इस स्थान के अंग्रेज इतने अधिक मुरीद हुए कि शहर के अंतिम छोर पर चार किमी खड़ी चढ़ाई पार कर इसे पिकनिट स्पाट बना दिया और नाम दिया टिफिनटाप। इतिहासकार प्रो. अजय रावत के अनुसार चित्रकारी करने वाली अंग्रेज महिला डोरोथी केलेट को यह स्थल बेहद पसंद था। अक्सर चढ़ाई पार कर टिफिनटाप पहुंच जाती थीं। 

साथ ही वहां बैठकर नैसर्गिक सुंदरता को कागज पर उकेरती थी। दुर्भाग्य से इसी स्थान पर पैर फिसलने से खाई में गिरकर उसकी मौत हो गई। डोरोथी की याद में उसके पति कर्नल जेपी केलेट सहित स्वजनों ने स्मृति स्थल बनाया। तब से इस स्थान को डोरोथी सीट कहा जाने लगा। शहर आने वाले ट्रेकिंग के शौकीन पर्यटक टिफिनटाप जाना नहीं भूलते।

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