फिर लगी जंगलों में आग, वन संपदा और पशु -पक्षियों को पहुंच रहा नुकसान

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अल्मोड़ा। बारिश थमते ही जिले में फिर जंगल सुलगने लगे हैं। अल्मोड़ा-ताकुला सड़क पर कालीमठ के जंगल में आग लगी। इससे वन संपदा को खासा नुकसान पहुंचा है। बीते दिनों हुई बारिश के बाद जंगलों की आग बुझी थी, इससे वन विभाग ने राहत महसूस की। 

आधा फायर सीजन बीतने के बाद फिर जंगल धधकने लगे हैं। शुक्रवार को अल्मोड़ा-ताकुला सड़क पर कालीमठ के पास जंगल धू-धू कर जलते रहे। बड़े-बड़े चीड़ के पेड़ों से आग की लपटें उठती रहीं। जंगल के आधे किमी से अधिक दायरे में फैली आग से लाखों की वन संपदा जलकर नष्ट हो गई। वन्य जीवों के अस्तित्व पर भी संकट के बादल गहरा गए हैं। सूचना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। 

आबादी में धुंआ फैलने से लोग परेशान 

वही कालीमठ के जंगलों में आग लगने से यहां से उठने वाला धुंआ आबादी में फैल गया, जिससे लोग परेशान रहे। धुएं से बच्चे और बुजुर्गों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ने लगा है। 

जिले में बनाए गए हैं 155 क्रू सेंटर 

जिले में फायर सीजन को देखते हुए 155 क्रू सेंटर बनाए गए हैं। इनमें हर सेंटर में 4-4 फायर वाॅचर की तैनाती की गई है। इसके बाद भी जंगलों का जलना वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है। 

रेंजर मोहन राम आर्या ने कहा मैं अवकाश पर हूं। जंगलों में आग को रोकने के लिए ड्रिल चल रही है। कई जगह सड़कों के किनारे फैले पिरूल जलाए जा रहे हैं। विभाग जंगलों को आग से सुरक्षित बचाने के लिए तत्परता से काम कर रहा है। 

 

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