चम्पावत में मौनपालन को बढ़ाए दिये जाने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिप्टी गाँव को मधुग्राम घोषित किये जाने के बाद मौनपालन का 7 दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

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जनपद चम्पावत में *मौनपालन* से अधिक से अधिक लोगों को जोड़े जाने हेतु निरंतर कार्य किए जा रहे हैं जिले में मौनपालन को बढ़ाए जाने हेतु प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा

जिले में मौन पालन को बढ़ाए जाने एवं इसके विकास हेतु यहाँ के सिप्टी गाँव को मधुग्राम बनाए जाने की घोषणा की गई है। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा को साकार किये जाने हेतु मौन पालन विकास हेतु जिले में कार्य गतिमान है।

*उद्यान विभाग द्वारा जिले के ग्राम सिप्टी (मधुग्राम) तथा श्यामलाताल में मौन पालन को बढ़ावा दिये जाने हेतु स्थानीय किसानों को राजकीय इंटर कालेज सूखीढांग तथा बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति भवन सिप्टी में लगभग 100 किसानों को मौनपालन का 7 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है*।

प्रशिक्षण हेतु महाराष्ट्र का के पूना के साथ ही देहरादून, पंतनगर एवं ज्योलीकोट से विशेषज्ञों को बुलाया गया है।
श्यामलताल जीआईसी में आयोजित सात दिवशीय मौनपालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए जिला उद्यान अधिकृत टीएन पाण्डेप ने उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज एकीकृत खेती से किसान अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकता है। इसमें सबसे अधिक लाभकारी कार्य मौन पालन है जिससे अधिक आर्थिक लाभ मिलता है।

उन्होंने किसानों से अपील की, कि इन सात दिनों में वह भली भाँति मौन पालन के बारे में जानकारी हासिल कर लें। समापन दिवस पर सभी प्रशिक्षितों को प्रमाणपत्र एवं मौनबॉक्स व मौन विकास सामग्री दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी को आगे भी मौन पालन एवं औद्यानिकी से सम्बन्धित विभागीय लाभ दिया जाएगा।

दोनों स्थानों में किसानों को केद्रीय मधु अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र पूना से आई विशेषज्ञ श्रीमती के लक्ष्मी राव पंतनगर से आए वैज्ञानिक डा० हासीम देहराहन से आए हेमवती नन्दन, दीपक प्रकाश व ज्योलीकोट से आए हरीश दुगडिया आदि मौन विशेषज्ञों द्वारा मौन पालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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