Bageshwar News :भालू की तीन पित्तीयाें के साथ तीन गिरफ्तार
बागेश्वर। पुलिस की एसओजी और वन विभाग की संयुक्त टीम ने 340.62 ग्राम भालू की पित्ती के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिले में वन्य जीव अंगों की तस्करी का यह अब तक का सबसे बड़ा मामला बताया जा रहा है।
💠बरामद पित्ती की स्थानीय अनुमानित कीमत 30 से 35 लाख रुपये आंकी गई है। एसपी ने एसओजी टीम को 10,000 रुपये पुरस्कार देने का एलान किया है।
💠सोमवार को एसपी अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने कोतवाली में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस को बागेश्वर से भालू की पित्ती लेकर नेपाल और दिल्ली के लोगों को बेचने के लिए जाने की सूचना मिली थी। एसओजी प्रभारी प्रह्लाद सिंह बिष्ट, रेंजर श्याम सिंह करायत के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने कोतवाली क्षेत्र में नगर से करीब पांच किमी दूरी पर अल्मोड़ा मोटर मार्ग से पकड़ा।
💠आरोपियों के खिलाफ धारा 9/39/49क,ख/51/56/57 वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
💠एसपी ने बताया कि मामले में वाइल्ड लाइफ कंट्रोल ब्यूरो की ओर से अच्छा मार्गदर्शन मिला। उन्होंने बताया कि भालू के पित्त की तस्करी नेपाल और चाइना में होती है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह उच्च हिमालयी वन क्षेत्रों से दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों का शिकार कर उनके अंगों को बाहरी जिलों और अन्य राज्यों में ऊंचे दाम में बेचते हैं। एसपी ने कहा कि मामले में एसओजी और वन विभाग की टीम ने साहस दिखाते हुए बेहतरीन कार्य किया है।
💠पकड़े गए आरोपी
बागेश्वर। भालू की पित्त के साथ पकड़ा गया आरोपी डिगर सिंह (55) ग्राम झूनी, कपकोट, मनोज उपाध्याय (30) खोलियागांव और जगत सिंह (52) मिकिलाखलपट्टा का निवासी है। पकड़े गए आरोपियों में डिगर सिंह पूर्व में एनडीपीएस एक्ट का आरोपी रहा है। कपकोट पुलिस ने उसे चरस के साथ पकड़ा था। कुछ समय पूर्व ही वह न्यायालय से दोषमुक्त हुआ है।
💠अभी पूरा नहीं हुआ पुलिस का काम:एसपी
बागेश्वर। एसपी कोंडे ने बताया कि पुलिस सिर्फ आरोपियों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रहेगी। जिन स्थानों से भालू की पित्ती लाई जा रही है, वहां भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। आरोपी जिन राज्यों या देशों में वन्य जीव अंगों की तस्करी कर रहे हैं, इसका भी पता लगाया जाएगा।