Almora News:खुरपका-मुंहपका रोग की रोकथाम के लिए जिलेभर में दो लाख पशुओं को लगेंगे टीके

ख़बर शेयर करें -

पशुओं में बारिश के दिनों में होने वाले जानलेवा रोग एफएमडी की रोकथाम के लिए उनका टीकाकरण किया जाएगा।विभाग लंपी के बाद अब पशुओं की दूसरी खतरनाक बीमारी खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) की रोकथाम की तैयारियों में जुट गया है। खुरपका-मुंहपका रोग से पशुओं के बचाव के लिए पशुपालन विभाग दो लाख पशुओं का टीकाकरण करेगा।

🔹पशुओं का होगा टीकाकरण

मिली जानकारी के अनुसार इस रोग से मुक्ति दिलाने के लिए विभाग जिले भर में दो लाख पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। सबसे ज्यादा इस संक्रमित रोग एफएमडी की चपेट में गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर आदि पालतू जानवर आते हैं। बताया गया है कि 20 जुलाई से 23 अगस्त तक चलने वाले इस अभियान के तहत पालतू जानवरों को एफएमडी के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एलएसडी के टीके भी लगाए जाएंगे। इसके लिए जिले में पहुंची दो लाख एफएमडी टीकों की खेप सभी 37 पशु अस्पतालों में पहुंचाई जा चुकी है।

यह भी पढ़ें 👉  Almora News:जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा ने प्रकाश पर्व दिवाली की दी हार्दिक शुभकामनाएं

🔹रोग के लक्षण

एफएमडी रोग से ग्रसित जानवरों को तेज बुखार आता है। मसूड़े, जीभ और होंठ के भीतरी भाग में छाले पड़ने से जानवरों के मुंह से लार गिरती है। इसके साथ ही खुरों के बीच घाव बन जाता है। समय पर उपचार नहीं होने पर घावों में कीड़े पैदा हो जाते हैं, इससे प्रभावित जानवर की जान भी चली जाती है। दुग्ध उत्पादन में कमी आने के साथ ही पशुओं के गर्भपात की संभावना बनी रहती है।

यह भी पढ़ें 👉  Almora News:हिम शैल शिखर जैसे अटल प्रहरी रहते हुए कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले अमर बलिदानी वीरों को अल्मोड़ा पुलिस का नमन

🔹किन जानवरों को रहता है खतरा 

संक्रमित रोग एफएमडी की चपेट में गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर आदि पालतू जानवर आते हैं। इसके लिए टीकाकरण ही बचाव का प्रमुख उपाय है। इसके साथ ही बीमार पशु को इन दिनों पौष्टिक आहर देना जरूरी है।