Almora News :बेसिक से इण्टर कालेज में समायोजित पदोन्नन शिक्षकों ने चयन प्रोन्नत वेतनमान का शासनादेश 15 जून तक जारी करवाने की करी मांग

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बेसिक से इण्टर कालेज में समायोजित पदोन्नन शिक्षकों ने चयन प्रोन्नत वेतनमान का शासनादेश 15 जून तक जारी करवाने की मांग शिक्षा निदेशालय से की है और दोहरी नीति बन्द कर समाधान करने की चेतावनी दी गई है.

शिक्षा विभाग के अधिकारी 16 वर्ष से चयन प्रोन्नत वेतनमान पर उत्पीड़न के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं, चयन प्रोन्नत वेतनमान नहीं मिलने के नाराज शिक्षकों ने मंच के माध्यम से स्पष्ट कहा कि हम सब आज भी राजकीय शिक्षक संघ के सक्रिय सदस्य हैं मगर संगठन हमारे जायज मांग पर वर्ष 2009 से कोई पहल नहीं कर रहा है , केवल लेटर पैड पर खानापूर्ति कर मांग 19 नम्बर पर रख रहा है, जिसका समाधान दूर की कौड़ी नजर आ रही है,जिस कारण 15 जून के बाद शिक्षा निदेशालय में धरना प्रदर्शन आमरण अनशन शुरू करेंगे समायोजित पदोन्नन शिक्षक और अप्रिय ॅनिर्णय लेने को बाध्य होना पड़ेगा,तो वो भी करेंगे जिसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही शासन प्रशासन एवं राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों की होगी।

ज्ञात रहे वर्ष 2009 में शिक्षा विभाग में एल टी शिक्षकों की कमी होने के कारण शिक्षा विभाग और शासन में प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक और जूनियर हाईस्कूल के स्नातक योग्यता धारी सहायक अध्यापक जो एल टी ग्रेड की सभी शैक्षिक प्रशिक्षण योग्यता रखते थे और समान वेतनमान पर कार्यरत भी थे और हैं, उनको इण्टर कालेज में सामायोजित कर दिया गया वर्ष 2006 की  स्नातक शिक्षा सेवा नियमावली के तहत शिक्षा विभाग समायोजित शिक्षकों को शुरूवात में चयन प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत कर रहा था, वर्ष 2013/2014 में शिक्षा विभाग ने और तत्कालीन राजकीय शिक्षक संघ के कतिपय पदाधिकारियों ने गुपचुप तरीके से निदेशालय से प्रस्ताव बनाकर शासन को बेसिक शिक्षकों की सेवा नियमावली बदलवाने की अनुशंसा कर दी गई, जबकि कार्मिक विभाग ने अनेकों बार फाइल लौटा कर शिक्षा विभाग से पूछा कि समायोजन के स्थान पर पदोन्नत शब्द जुड़वां देने से बेसिक शिक्षकों को को क्या लाभ है तब विभागीय अधिकारियों ने तर्क दिया कि समायोजन करने से पद रिक्त रह जा रहे हैं इसलिए बेसिक शिक्षकों को पदोन्नति शब्द लिखने से शत-प्रतिशत पद भर जायेंगे वास्तविकता यह है आज भी एलटी ग्रेड के सैकड़ों पद रिक्त चल रहे हैं,जो एक सोची-समझी चाल और साजिश रची गई समायोजन के स्थान पर पदोन्नत शब्द जुड़वां दिया जिससे चयन प्रोन्नत वेतनमान देने पर अब अधिकारियों ने रोक लगा दिया, फिर समायोजित शिक्षक माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल गये वहां से नैसर्गिक न्याय मिल रहा है,अब जो समायोजित पदोन्नन शिक्षक माननीय कोर्ट जा रहें हैं उन्हीं को चयन प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत कर रहे हैं विभागीय अधिकारी, और दबी जुबान पर कह रहे हैं कि आप लोग भी कोर्ट जाओ और अपने पक्ष में आदेश करा लायें,तब न्याय पाओ आखिर मा कोर्ट के आदेश पर शिक्षा विभाग एक लाइन क्यों नहीं लिख रहा है कि बेसिक से एल टी समायोजित पदोन्नन विभागीय परीक्षा भर्ती समान वेतनमान पर कार्यरत शिक्षकों को पूर्व की सेवा को जोड़ते हुए चयन प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया जाता है, एक ही संवर्ग में और श्रोत के शिक्षकों पर दो नियमावली बनाई गई है जो अन्याय पूर्ण है, मगर विभागीय अधिकारियों के तुगलकी फरमान से प्रभावित शिक्षक आक्रोशित हैं सबको एक समान नीति निर्धारित नहीं होने से राजकीय एल टी समायोजित पदोन्नन शिक्षक संघर्ष मंच उत्तराखंड से जुड़े समायोजित पदोन्नन शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सैकड़ों पत्र लिखकर आपबीती सुनाई मगर निदेशालय के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है ऐसी दोहरी नीति से तंग आकर समायोजित पदोन्नन शिक्षकों ने 15 जून के बाद किसी भी कार्य दिवस आन्दोलन करने का ऐलान कर दिया है ,ओनलाइन बैठक में शामिल हरीश गैरोला, हर्षवर्धन शुक्ला, शैलेन्द्र सिंह राणा,सुजान सिंह बुटोला, गोपेश गिरी गोस्वामी, रूपा भण्डारी,भावना चौहान, प्रमोद कन्डवाल, रामचंद्र चमोला,एम एन भट्ट,टी,आर भण्डारी, विमला नेगी, हिमांशू पाण्डे सहित 05 दर्जन शिक्षक उपस्थित थे,

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दिगम्बर फुलोरिया प्रदेश अध्यक्ष 

जेपी सिलोडी महासचिव

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