Almora News:अल्मोड़ा जिले की एक महिला को तीलू रौतेली पुरस्कार और तीन महिलाओं को मिलेगा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार

जिले की एक महिला को तीलू रौतेली पुरस्कार और तीन महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार से नवाजा जाएगा। चार सितंबर को देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी और महिला सशक्तीकरण मंत्री रेखा आर्या चयनित महिलाओं को पुरस्कार प्रदान करेंगी।
🌸सभी महिलाएं बुधवार को देहरादून के लिए रवाना होंगी।
नगर के जाखनदेवी निवासी मीता उपाध्याय का सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। मीता ने एसएसजे परिसर से अर्थशास्त्र में एमए किया। इसके बाद बीएड की डिग्री ली। उनके पति रमेश चंद्र उपाध्याय वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। बड़ी बेटी अमेरिकन कंपनी में आईटी कंसलटेंट तो दूसरे नंबर की बेटी सुगंधा एक जानी मानी कंपनी में एचआर मैनेजर है।
सबसे छोटा बेटा पार्थ उपाध्याय राष्ट्रीय विवि पटना में है। परिवार में बुजुर्ग सास भी है। परिवार की सारी जिम्मेदारी निभाने के साथ ही मीता सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लेती हैं। मीता वर्ष 2009 से 2018 तक सेंटर फाॅर गुड गवर्नेंस में जेंडर प्रकोष्ठ की प्रभारी रहीं और कई उल्लेखनीय कार्य किए।
1997 से 2002 तक नगर पालिका अल्मोड़ा में उपाध्यक्ष रहीं। वह बाल कल्याण समिति की सदस्य भी रही। उन्होंने बाल श्रम रोकने में बेहतर काम किया। वह महिला कल्याण संस्था की संरक्षिका है।
सुधा संस्था की परामर्शदात्री के रूप में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में काम कर रही हैं। महिला सशक्तीकरण के लिए उन्होंने पिंडर घाटी, बागेश्वर और मुनस्यारी के दूरस्थ इलाकों के गांवों में जाकर महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। उन्हें संगठित कर स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि परिवार की जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ ही वह बचा हुआ समय पठन-पाठन और सामाजिक कार्यों में लगाती हैं।
🌸महिला संस्था मीता के कार्यो को आगे बढ़ाने को चलाएगी अभियान
अल्मोड़ा। महिला कल्याण संस्था की बैठक में संस्था की संरक्षिका मीता उपाध्याय का तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए चयन होने पर खुशी जताई गई। संस्था अध्यक्ष रीता दुर्गापाल ने कहा कि मीता का यह सम्मान न केवल उनके अथक मेहनत और समर्पण की पहचान है बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी है जो समाज में अपनी पहचान बनाने का प्रयास कर रही है। वहां उपाध्यक्ष चंद्रा अग्रवाल, सचिव पुष्पा सती, सुनैना मेहरा, गीता साह, मंजू जोशी, शांति शाह, अंजू अग्रवाल, अनुराधा अग्रवाल, ममता चौहान, आशा कर्नाटक, आशा पंत, अनीता रावत आदि मौजूद रहीं।
🌸सामाजिक क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर मैचून की सुनीता का चयन
अल्मोड़ा। जिले के धौलादेवी ब्लाॅक के आंगनबाड़ी केंद्र मैचून में बीते 14 सालों से सेवारत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता देवी का आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। जीजीआईसी दन्यां से इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने वाली सुनीता ने लंबे समय तक सामाजिक क्षेत्र में भी काम किया।
सुनीता का बड़ा बेटा विशाल कुमार आगरी ने बीटेक और बेटी विशाखा आगरी ने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। 19 साल पहले उनके पति बहादुर राम का निधन हो गया था। इसके बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी उन पर आ गई। सुनीता ने अकेले बच्चों की परवरिश की। विषम परिस्थितियों से जूझते हुए सुनीता आगे बढ़ते गई । कहा कि यदि आज पति जीवित होते हो यह उपलब्धि देखकर वह भी काफी खुश होते। उनकी प्रेरणा से आज इस मुकाम तक पहुंची हूं।
🌸उत्कृष्ट कार्यों के लिए बिमौला की सुनीता भी होंगी पुरस्कृत
अल्मोड़ा। जिले के हवालबाग विकासखंड अंतर्गत मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बिमौला की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता तिवारी का भी पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। समाजशास्त्र में एमए पास सुनीता ने आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडल बनाने में महत्वपूर्ण कार्य किया। उनकी बड़ी बेटी अंजलि तिवारी पंतनगर विवि से पीएचडी कर रही हैं। दूसरे नंबर की बेटी गीतांजलि ने द्वाराहाट से बीटेक किया है और वर्तमान में सिविल सर्विस की तैयारी कर रही है। सबसे छोटा बेटा अंकित तिवारी ने गणित विषय में एमएससी के अलावा बीएड किया है। पति जगदीश चंद्र तिवारी व्यवसायी है। सुनीता ने कहा कि पुरस्कार मिलने से अब उन पर अधिक जिम्मेदारी आ गई है। वह पूर्व की तरह अपने कार्यों को जारी रखेंगी।
🌸पिलखोली की सुनीता ने पति को पुरस्कार किया समर्पित
अल्मोड़ा। ताड़ीखेत विकासखंड के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र पिलखोली द्वितीय की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सोनी फर्त्याल का चयन भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार के लिए हुआ है। 14 अगस्त को उनके पति मोहन सिंह फर्त्याल का निधन हो गया था। पति की मौत के कुछ समय बाद पुरस्कार के लिए चयन होने पर उन्हें एक तरफ खुशी तो दूसरी तरफ वह गम भी है। खुशी के इन पलों में पति उनके साथ नहीं है। इससे सुनीता भावुक है। कहा कि पति ने कदम-कदम पर प्रोत्साहित किया। हमेशा मेहनत की सीख दी। ये पुरस्कार भी उन्हीं को समर्पित करती हूं। बच्चों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। बड़ा बेटा चिराग फर्त्याल रानीखेत के गनियाद्योली स्थित एक स्कूल में 11वीं और बेटी सुहाती फर्त्याल गांव के ही एक स्कूल में कक्षा छह में अध्ययनरत है।
जिले की एक महिला का तीलू रौतेली पुरस्कार और तीन महिलाओं का आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। सभी चयनित महिलाओं को बृहस्पतिवार को देहरादून में पुरस्कार दिया जाएगा। – पीतांबर प्रसाद, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास अल्मोड़ा