सरकार के खिलाफ राज्य आंदोलनकारियों की तीन दिवसीय रथयात्रा का भिकियासैन में हुआ समापन

अल्मोड़ा – आज रविवार 12 मार्च को राज्य आंदोलनकारियों की तीन दिवसीय रथयात्रा का भिकियासैन समापन हो गया है।चौखुटिया मासी सहित बिभिन्न स्थानों हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि अब राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैंण में स्थापित करने के अलावा विकास का कोई अन्य विकल्प नहीं है । ये राज्य बनने के 22 साल के अशधकचरे विकास से सिद्ध हो गया है कि देहरादून से राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों का विकास नहीं हो सकता है । विधानसभा क्षेत्रों का भौगोलिक आधार पर परिसीमन, उत्तराखंड को पिछड़ा क्षेत्र घोषित करना उत्तराखंड के विकास के लिए जरूरी हो गया है, लेकिन ये सब हमारे वर्तमान जनप्रतिनिधियों के चलते संभव नहीं होगा क्योंकि इन पर अपने राष्ट्रीय नेताओं पर भारी दबाव होता है इसलिए चाहे राज्य आंदोलनकारियों सम्मान की बात हो या फिर जनसमस्याओं का बात हो हमे स्वयं अपनी लड़ाई लड़नी होगी ।
राज्य आंदोलनकारियों ने युवा बेरोजगारों, रिटायर्ड कर्मचारियों तथा अन्य विभिन्न मुद्दों पर पृथक लड़ाई लड़ रहे लोगों से एक मंच पर आकर संयुक्त रूप से संघर्ष करने का आह्वान किया । राज्य आंदोलनकारियों ने कहा अकेले अकेले लड़ने में हम दमन के शिकार ही टूटते रहेंगे।
सभा मे यह लोग रहे मौजूद
ब्रह्मानंद डालाकोटी ,शिवराज बनौला, दौलत सिंह बगड़वाल, देवनाथ गोस्वामी, विशम्भर पेटशाली, मोहन चन्द्र तिवारी ,विपिन पंत ,वीरेन्द्र वजेठा, परमानंद कांडपाल ,बलवन्त सिंह नेगी, नरेन्द्र मेहरा, प्रेम सिंह अटवाल ,पुष्करपाल सिंह ,आनंदनाथ गोस्वामी, मदन कठायत सहित अनेको लोग उपस्थित थे।
रिपोर्टर – रोशनी बिष्ट










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