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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अस्पताल भी अलर्ट मोड पर आ गए हैं। स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। अस्पतालों को 24 घंटे की इमरजेंसी ड्यूटी के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

सभी चिकित्सकों को अपने फोन खुले रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तुरंत सेवा में बुलाया जा सके।

चिकित्सालयों की छतों पर क्रास का निशान बनाने को कहा गया है, जो रात में दिख सके। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि मेडिकल कालेज, नर्सिंग संस्थान के प्राचार्य को इस बाबत निर्देश जारी किए गए हैं

कहा गया है कि किसी भी अधिकारी/ कार्मिक का अग्रिम आदेशों तक अवकाश न स्वीकृत किया जाए। कॉलेज/चिकित्सालयों के बेसमेंट को आपातकालीन स्थितियों में आश्रय स्थल के रूप में उपयोग के लिए तैयार रखने के भी निर्देश हैं।

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इसके अलावा पब्लिक एलाउंसमेंट सिस्टम दुरुस्त रखने, अग्निशमन उपकरण क्रियाशील रखने, ब्लड बैंकों में पर्याप्त स्टाक रखने, लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने, पुलिस-प्रशासन, सिविल सोसायटी के साथ समन्वय स्थापित करने और आक्सीजन बेड, आइसीयू, वेंटीलेटर, एंबुलेंस व जीवन रक्षक दवाओं का पर्याप्त स्टाक रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।

🌸व्यवस्थाओं को लेकर की गई चर्चा

दून अस्पताल में 15 अतिरिक्त आइसीयू बेड तैयार दून मेडिकल कालेज अस्पताल में गुरुवार को इस संबंध में बैठक आयोजित की गई। प्राचार्य डा. गीता जैन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक मे शासन के निर्देशानुसार तमाम व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की गई।

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प्राचार्य ने बताया कि अस्पताल में पंद्रह अतिरिक्त आइसीयू बेड शुरू कर दिए गए है। इनमें सर्जिकल व रेस्पिरेटरी आइसीयू शामिल हैं। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन पूरी तरह तैयार है। चिकित्सक, कर्मचारियों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है। फायर ड्रिल आज दून मेडिकल कालेज अस्पताल में आज फायर ड्रिल की जाएगी।

उप चिकित्सा अधीक्षक डा. एनएस बिष्ट ने बताया कि फायर आडिट के साथ ही अस्पताल में एक ड्रिल का भी आयोजन किया जा रहा है। ताकि यह परखा जा सके कि आपात स्थिति के लिए हम कितना तैयार हैं। जहां भी कमियां दिखाई देंगी, उन्हें ससमय दूर किया जाएगा।

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