Uttrakhand News :चारधाम यात्रा के लिए मार्च के अंत तक शुरू हो सकती है तीर्थयात्रियों के पंजीकरण की प्रक्रिया

0
ख़बर शेयर करें -

आगामी चारधाम यात्रा के लिए मार्च के अंत तक तीर्थयात्रियों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होने के बाद पर्यटन विभाग पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रहा है।

💠इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण सिस्टम को अपडेट किया जा चुका है।

इस बार भी यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य रहेगा। प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। पर्यटन विभाग ने यात्रा व्यवस्थाओं के लिए गढ़वाल मंडल आयुक्त को पांच करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है। इस राशि को केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों को बेहतर व्यवस्थाओं व सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा।

यह भी पढ़ें 👉  Uttrakhand News:प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में विधानसभा के आगामी मानसून सत्र को लेकर लिया अहम फैसला,जुलाई में होगा विधानसभा का मानसून सत्र

इसके अलावा पर्यटन विभाग ने भी चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए पंजीकरण की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बार पंजीकरण के लिए सिस्टम को अपडेट किया गया, जिसमें पंजीकरण करते समय यात्रियों को धामों में दर्शन के लिए भीड़ और ठहरने की व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी, जिससे यात्री अगली तिथि को पंजीकरण करने का प्लान बना सकता है।

💠शिवरात्रि को तय होगी केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि

आठ मार्च को महाशिवरात्रि के दिन केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होगी, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे। इस बार 10 मई को अक्षय तृतीया है। परंपराओं के अनुसार अक्षय तृतीय को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते हैं। हालांकि, मंदिर समितियों की ओर से कपाट खुलने की औपचारिक घोषणा की जानी बाकी है।

यह भी पढ़ें 👉  Uttrakhand News:हाइकोर्ट ने हटाया पंचायत चुनाव पर लगा सटे,नामांकन की तारीख को तीन दिन बढ़ाया

चारधाम यात्रा में अबकी भी काफी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसे देखते हुए संबंधित विभागों को यात्रा की तैयारियां समय पर पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। कपाट खुलने की तिथि तय होने के बाद तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पंजीकरण शुरू किया जाएगा। यात्रा पर आने के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा।

– सतपाल महाराज, पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *