Almora News:आईटीआई में मशीनरी बेकार,बगैर अनुदेशक के प्रशिक्षण लेने के लिए मजबूर छात्र

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नगर में स्थित पंडित जनार्दन जोशी आईटीआई में एक दशक पूर्व 10 ट्रेड संचालित होते। इन ट्रेडों में 400 से अधिक युवा तकनीकी शिक्षा का ज्ञान लेते थे। यहां संचालित स्वीइंग टेक्नोलॉजी में पांच महीने तो इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में एक साल से अधिक समय से अनुदेशक का पद रिक्त है।वही बीते 10 साल से यहां कोई प्रयोगात्मक सामान की आपूर्ति नहीं हुई और वर्षों पुरानी मशीनें कबाड़ बन गईं।

🔹अनुदेशक के तकनीकी शिक्षा का ज्ञान ले रहे हैं विद्यार्थी

ऐसे में छात्र संस्थान में प्रवेश लेने से रुचि नहीं ले रहे हैं और इससे छात्र संख्या लगातार घट रही है। जिले के युवाओं को तकनीकी शिक्षा का ज्ञान देने के लिए आकाशवाणी के समीप वर्ष 1946 में स्थापित पंडित जनार्दन जोशी आईटीआई बदहाली की मार झेल रहा है। कभी यहां फिटर, मशीनिस्ट, फैशन टेक्नोलॉजी, वीविंग वुलन, कारपेंटर समेत पांच से अधिक ट्रेड संचालित होते थे। वर्तमान में इनकी संख्या घटकर महज दो रह गई है।

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🔹छात्र संख्या एक दशक में 75 प्रतिशत से भी अधिक घटी 

इन दोनों ट्रेड में भी अनुदेशक का पद लंबे समय से रिक्त चल रहा है। स्वीइंग टेक्नोलॉजी के अनुदेशक का पांच महीने पूर्व स्थानांतरण होने और इलेक्ट्रीशियन के अनुदेशक के सेवानिवृत होने से विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा का ज्ञान देने वाला कोई नहीं है। इससे यहां प्रशिक्षण ले रहे 17 विद्यार्थियों का भविष्य संकट में है। हालात यह हैं कि बेहतर व्यवस्थाओं के अभाव में यहां छात्र संख्या एक दशक में 75 प्रतिशत से भी अधिक घट गई है। 

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🔹प्रधानाचार्य का पद भी है रिक्त 

आईटीआई में अनुदेशक के साथ ही प्रधानाचार्य का पद भी रिक्त चल रहा है। फलसीमा स्थित आईटीआई के प्रधानाचार्य को यहां का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। ऐसे में विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा का ज्ञान देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने के दावे हवाई साबित हो रहे हैं। 

निदेशालय से रिक्त पदों पर अनुदेशकों की तैनाती के लिए अनुमति मांगी गई है। अभी तक कोई जवाब नहीं आया है-उदय राज सिंह, प्रभारी प्रधानाचार्य, पंडित जनार्दन जोशी आईटीआई, अल्मोड़ा