योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा द्वारा 16 से 17 अप्रैल को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का होगा आयोजन

अल्मोड़ा। योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा द्वारा 16 से 18 अप्रैल, 2023 को अर्थ गङ्गा: संस्कृति, विरासत, एवं पर्यटन के अंतर्गत “नए विश्व के विकास में योग एवं भारतीय संस्कृति की भूमिका” विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।
अर्थ गङ्गा : संस्कृति, विरासत एवं पर्यटन के अंतर्गत 16 से 18 अप्रैल, तक होगा मंथन
इस संगोष्ठी में गङ्गा के वैज्ञानिक, आध्यात्मिक एवं आर्थिक महत्व पर चर्चा के साथ ही योग,आयुर्वेद, वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति, पर्यटन, भारतीय संस्कृति, इतिहास,अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, समाज एवं विज्ञान के क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय स्तर के विचार-नवाचार एवं ज्ञान की विभिन्न विधाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।इस संबंध में योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 नवीन भट्ट सर की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें संगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु स्वागत समिति, जलपान एवं भोजन समिति, साज-सज्जा समिति, आवास समिति, संचालन समिति आदि विभिन्न समितियों का गठन कर उन्हें दायित्व दिए गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत करेंगे कार्यक्रम में शिरकत
योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चन्द्र भट्ट ने बताया कि संगोष्ठी के उदघाटन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी एवं विशिष्ट अतिथि, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत,भाजपा संगठन महामंत्री अजेय कुमार, सासंद अल्मोड़ा-पिथौरागढ़, अजय टम्टा के साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एन0 एस0 भंडारी व योग विशेषज्ञ प्रो0 ईश्वर भारद्धाज, अंतरराष्ट्रीय योग गुरु एवं निदेशक योगी योग कॉलेज, चीन, बीजिंग, मोहन भंडारी, एवं निदेशक,स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केन्द्र, भारतीय दूतावास, सूरीनाम, दक्षिण अमेरिका से डॉ सोमवीर आर्य, के उपस्थित होने की संभावना है।
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ, विद्वान, शोधार्थी सहित 300 से अधिक प्रतिभाग करेंगे प्रतिभाग
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रख्यात वक्ता, देश-विदेश के प्रतिष्ठित योग, आयुर्वेद, एवं विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ, मनोचिकित्सक, विद्वतजन सहित 300 से अधिक शोधार्थी एवं प्रतिभागी एक मंच पर उपस्थित होकर विचार-नवाचार एवं योग की विभिन्न विधाओं का आदान-प्रदान करेंगे, जिसका सीधा लाभ समाज तक पहुँचेगा।