राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने किया जिला एवं महिला अस्पताल का औचक निरीक्षण

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अल्मोड़ा: राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने जिला और महिला अस्पताल का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाएं जांची। सफाई व्यवस्था, खाने की गुणवत्ता और अन्य अव्यवस्थाओं को लेकर उपाध्यक्ष ने सुधार करने के निर्देश दिए।

 

 

 

 

 

 

 

उन्होंने मरीजों का हाल और मिलने वाली सुविधाएं जानी। अस्पताल में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की सख्त हिदायत दी। इसके बाद उन्होंने वन स्टाॅप सेंटर में भी निरीक्षण किया।
शुक्रवार को राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अचानक महिला अस्पताल पहुंच गई। उन्होंने सबसे पहले अस्पताल में साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाएं परखीं। अस्पताल में गंदगी देख उपाध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर की।

 

 

 

 

 

इस बीच अस्पताल में कुछ डाक्टर की अनुपस्थिति पर नाराजगी जाहिर की । सीएमएस डा. प्रीति पंत के साथ पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया। मरीजों से उनकी समस्याएं पूछी। इस दौरान मरीजों ने विभिन्न व्यवस्थाओं की व्यवस्था करने की बात कही। जिसपर उन्होंने, भोजन एवं अन्य व्यवस्था को लेकर कहा कि मरीजों को बेहतर सुविधा और गुणवत्तायुक्त भोजन दिया जाना बहुत जरूरी है।

 

 

 

 

 

अस्पताल प्रशासन और ठेकेदार दोनों मिल कर आपसी समन्वय से मरीजों के भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान दें। इस बीच उन्होंने भोजन की गुणवत्ता को लेकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी को दूरभाष के माध्यम से चेकिंग के निर्देश दिए। उन्होंने सरकार के अधिकृत चंदन लैब में रिपोर्ट की गड़बड़ी को लेकर नाराजगी जताई। इसके बाद जिला अस्पताल के वार्डों और अन्य व्यवस्थाएं परखीं। डाक्टरों को किसी भी हाल बाहर की दवाइयां न लिखने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने वन स्टाफ सेंटर का निरीक्षण कर कमी दूर करने का आश्वासन दिया।

 

 

 

 

 

 

बगैर सलाह के गर्भपात की दवा खाने से हालत हो रहीं गंभीर अल्मोड़ा: गर्भपात की दवाई मेडिकल स्टोर में खुलेआम बिकने जैसे मामले को भी गंभीरता से लिया गया। महिला आयोग उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा के निरीक्षण में सीएमएस डा. प्रीति पंत ने बताया कि कई बार अपने हिसाब से गर्भपात की दवा खाने से गर्भवतियों की जान पर बन आती है। इसे बाद गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल लाया जाता है। खुलेआम बगैर परामर्श बिक रही गर्भपात की दवाओं को लेकर उन्होंने औषधि निरीक्षक से वार्ता की। उन्होंने बिना डाक्टर के सलाह के दवा न लिखने के लिए औषधि निरीक्षक को निरीक्षण के निर्देश दिए।

 

 

 

 

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