ख़बर शेयर करें -

राज्य की जेलों में बंद कैदी अब एमबीए, एमसीए जैसे प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने कैदियों को मुफ्त शिक्षा देने की कवायद शुरू की है।

इस सत्र से हल्द्वानी उप कारागार में बंद कैदियों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए तैयारी की जा रही है। दरअसल, अभी यूओयू से हर साल 50 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं शिक्षा लेते हैं। 14 विभागों के 94 पाठ्यक्रमों में छात्र प्रवेश लेते हैं। दूरदराज में रहने वाले छात्रों के साथ ही नौकरी पेशा लोग भी यहां से पढ़ाई करते हैं। अब यूओयू राज्य की जेलों में बंद उन कैदियों को भी मुफ्त शिक्षा देने जा रहा है, जो उच्च शिक्षा लेना चाहते हैं। जो कैदी एमबीए, एमसीए, बीएड,बीएड स्पेशल एजुकेशन, एमएसडब्लू, डिप्लोमा इन टूरिज्म, डिप्लोमा इन करियर काउंसिलिंग पाठ्यक्रम सहित अन्य पाठ्यक्रम में शामिल होने के लिए मानक पूरे करते हैं, उन्हें भी मौका दिया जाएगा। कैदियों को जेल से छूटने के बाद स्वरोजगार से जोड़ने के लिए अन्य पाठ्यक्रमों की पढ़ाई भी कराई जाएगी।

यह भी पढ़ें 👉  Weather Update:उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक खिल रही चटख धूप,मैदानी क्षेत्रों में दिन का तापमान पहुंचा 40 डिग्री सेल्सियस

🌸किन्नरों की भी निशुल्क पढ़ाई

यूओयू के 94 पाठ्यक्रमों में किन्नरों की पढ़ाई भी निशुल्क होगी। देशभर के किन्नर यहां पर पढ़ाई के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। विवि ने इसकी जानकारी वेबसाइट में अपडेट की है।

यह भी पढ़ें 👉  Almora News:गांधी पार्क में आंदोलन को 10 दिन पूरे क्षेत्र की जनता में सरकार के प्रति गहरा आक्रोश

राज्य की जेलों में जो कैदी बंद हैं, उन्हें उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिए विवि पहल कर रहा है। जनवरी से शुरू हुए सत्र से हल्द्वानी उप कारागार में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे शुरू किया जा रहा है। फिर अन्य जेलों में भी इसे शुरू किया जाएगा।

प्रो. ओपीएस नेगी, कुलपति यूओयू

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *