Uttrakhand News :यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा उत्तराखंड,एक और इतिहास रचने की तैयारी

0
ख़बर शेयर करें -

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड एक और इतिहास रचने की तैयारी में है. जल्द ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने वाला है.

यूसीसी को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है. रिपोर्ट मिलने के बाद इसे विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा. सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित समिति यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है. समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है.

💠ढाई लाख सुझावों के आधार पर बना ड्राफ्ट 

विशेषज्ञ समिति ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए प्रदेश के सभी 13 जनपदों के नागरिकों से संवाद किया है. समिति को जनता की ओर से ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से ढाई लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए. प्रवासी उत्तराखंडियों से भी समिति ने यूसीसी पर चर्चा की. सभी सुझावों का संज्ञान लेने के बाद समिति ने ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया है.

यह भी पढ़ें 👉  Almora News :क्वारब के पास दूसरे दिन भी दरकी पहाड़ी,भारी मात्रा में मलबा गिरने से दूसरे दिन भी सड़क रही बंद

💠सीएम धामी ने लिया था यूसीसी पर फैसला

दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सीएम धामी ने अपने वायदे के अनुसार 23 मार्च 2022 को हुई पहली कैबिनेट बैठक में राज्य में नागरिक संहिता कानून (यूसीसी) लागू करने का फैसला किया. यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित कर दी गई.

💠विशेषज्ञ समिति में कौन-कौन शामिल?

यह भी पढ़ें 👉  International News:अमेरिका के निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप को लगा गहरा झटका,मैट गेट्ज़ ने अटॉर्नी जनरल के पद के लिए अपना नॉमिनेशन लिया वापस

सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित समिति में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ शामिल हैं।

💠क्या है समान नागरिक संहिता?

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में देश में निवास कर रहे सभी धर्म और समुदाय के लोगों के लिए समान कानून की वकालत की गई है. अभी हर धर्म और जाति का अलग कानून है, इसके हिसाब से ही शादी, तलाक जैसे व्यक्तिगत मामलों में निर्णय होते हैं. यूसीसी लागू होने के बाद हर धर्म और जाति के नागरिकों के लिए विवाह पंजीकरण, तलाक, बच्चा गोद लेना और सम्पत्ति के बंटवारे जैसे मामलों में समान कानून लागू होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *