Uttrakhand News :यहा क्लोरीन गैस के रिसाव से मचा हडकंप,पुलिस ने आनन-फानन में आसपास के स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
प्रेमनगर स्थित झाझरा में खाली प्लाट में रखे क्लोरीन गैस से भरे सात सिलिंडर में से एक लीक हो गया। गैस रिसाव के चलते क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने आनन-फानन में आसपास के 100 घरों को खाली करवा कर उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट कराया।
इस दौरान अग्निशमन अधिकारी, जेसीबी चालक व एक स्थानीय महिला गैस के कारण बेहोश हो गए। लीकेज वाले सिलिंडर को पानी व चूने से भरे आठ फिट गहरे गड्ढे में दबाया गया, फिर भी गैस का रिसाव जारी रहा।
इस मामले में प्रेमनगर थाना पुलिस ने उप निरीक्षक दीपक मैठाणी, चौकी प्रभारी झाझरा की तहरीर पर प्लाट मालिक दीपक गुप्ता निवासी निर्भय नगर, आगरा तथा केयरटेकर नरेंद्र कुमार निवासी ब्रह्मपुरी, पटेलनगर के विरुद्ध मानव जीवन खतरे में डालने, प्रदूषण फैलाने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
ग्राम प्रधान पिंकी देवी ने बताया कि सोमवार शाम से क्षेत्र में दुर्गंध आ रही थी। धीरे-धीरे दुर्गंध बढ़ने लगी और आसपास के लोगों को सांस लेने में दिक्कत आने लगी। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत प्रेमनगर थाना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने जांच की तो पता चला एक प्लाट में क्लोरीन से भरे सिलिंडर रखे हैं। जिनमें से एक सिलिंडर से गैस रिस रही है। रात 12 बजे प्लाट मालिक दीपक गुप्ता को सूचना दी तो उन्होंने केयर टेकर नरेंद्र कुमार को जेसीबी सहित मौके पर भेजा।
जेसीबी चालक जैसे ही प्लाट में घुसा तो उसे गैस चढ़ने लगी। उसने काम करने से हाथ खड़े कर दिए और वहां से चला गया। इसके बाद पुलिस ने आसपास रहने वाले लोगों को दरवाजे व खिड़कियां पूरी तरह से बंद करने को कहा और फायर ब्रिगेड से संपर्क कर घटनास्थल पर पहुंचने के लिए कहा।
इसके बाद सेलाकुई से तीन दमकल वाहन मौके पर पहुंचे। वहीं, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें भी पहुंच गईं। गैस रिसाव बढ़ने पर आठ फिट गहरा गड्ढा खोदा गया, जिसमें पानी व चूना भरा गया। इसके बाद जिस सिलिंडर से गैस रिसाव हो रहा था, उसे गड्ढे में दबाया गया। इसके बाद भी गैस का रिसाव जारी रहा। मंगलवार सुबह एसएसपी अजय सिंह भी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्यों में जुटे सुरक्षाकर्मियों को दिशा निर्देश जारी किए।
उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क्षेत्र में क्लोरीन गैस रिसाव की घटना को देखते हुए ऐसी घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने उद्योग एवं श्रम विभाग के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। औद्योगिक क्षेत्रों में भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो, साथ ही आवासीय क्षेत्रों में ऐसी नुकसानदायक गैसों के भंडारण की भी जांच करने को कहा है।
💠सिलिंडर हटाने में बरती जा रही सतर्कता
प्लाट मालिक ने लंबे समय से प्लाट में सात सिलिंडर रखे हुए थे। हर सिलिंडर में 900 लीटर गैस भरी हुई है। रेस्क्यू टीम सिलिंडरों को हटाने में सतर्कता बरत रही है।
रेस्क्यू टीम का मानना है कि यदि अन्य सिलिंडरों को हटाने की कोशिश की गई तो उनसे भी गैस रिसाव हो सकता है। इसलिए जिस सिलिंडर से गैस रिस रही है, पहले उसे डिस्पोज करना जरूरी है।
💠ग्लूकोज चढ़ाने के बाद के होश में आए तीनों बेहोश
गैस चढ़ने से रात के समय अग्निशमन अधिकारी सेलाकुई अनंतवीर सिंह, जेसीबी चालक व बबीता नाम की महिला बेहोश गईं। जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
ग्लूकोज चढ़ाने के बाद के वह होश में आए। प्लाट मुख्य सड़क के किनारे है, ऐसे में वहां पर किसी को खड़े नहीं होने दिया जा रहा है, क्योंकि गैस का रिसाव लगातार जारी है। सिलिंडर को डिस्पोज करने के लिए सेलाकुई से तीन दकमल, जबकि देहरादून से दो वाहन मौके पर भेजे गए।
💠पूर्व में सरकारी ठेकेदार था दीपक गुप्ता
बताया जा रहा है कि दीपक गुप्ता पहले सरकारी ठेकेदार था और उसका पानी का प्लांट था। पानी को साफ करने के लिए वह क्लोरीन का इस्तेमाल करता था। तीन साल पहले उसने काम बंद कर दिया, लेकिन गैस से भरे सिलिंडर प्लाट में ऐसे ही छोड़ दिए। आसपास के दुकानदारों को भी इस बात का पता नहीं लग पाया कि ठेकेदार ने प्लाट में क्लोरीन से भरे सिलिंडर रखे हुए हैं।