Uttrakhand News:सरकारी स्कूलों के एक निश्चित दायरे में नहीं खुल पाएंगे नए प्राइवेट स्कूल

सरकारी स्कूलों के एक निश्चित दायरे में नए प्राइवेट स्कूल नहीं खुल पाएंगे। सरकारी स्कूलों में लगातार घट रही छात्र संख्या को देखते हुए सरकार इस पर विचार कर रही है। नए स्कूल खोलने के मानकों में सरकारी स्कूलों से दूरी के पैमाने की सिफारिश शिक्षा विभाग की समिति ने की है।
बीते अप्रैल माह में शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने सरकारी स्कूलों में घटती छात्र संख्या के अध्ययन के लिए शिक्षा विभाग की समिति का गठन किया था। ढाई महीने के अध्ययन के बाद समिति ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इसमें छात्रों की घटती संख्या को लेकर कई कारण गिनाए गए हैं।
इनमें एक बड़ा कारण यह भी माना गया कि सरकारी स्कूलों के निकट बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूल खुलने की वजह से भी छात्र संख्या पर असर पड़ा है। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग की समिति ने नए प्राइवेट स्कूलों की स्थापना की मंजूरी देने से पूर्व सरकारी स्कूल से उनकी दूसरी के मानक पर विचार करने की सिफारिश की है। समिति अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत को सौंप चुकी है। सीमिति के सिफारिश पर ही माध्यमिक स्तर पर 559 स्कूलों को क्लस्टर विद्यालयों के रूप में स्थापित करने का काम शुरू कर चुकी है। सीमिति की सिफारिश – सरकारी प्राइमरी स्कूल के एक किमी. के दायरे में कोई भी नया प्राइवेट स्कूल स्थापित न हो – जूनियर हाईस्कूल के लिए यह दायरा तीन किमी. करने की सिफारिश की गई है। – इंटरमीडिएट स्तर के स्कूल के लिए पांच किमी. की दूरी को मानक बनाने की सिफारिश की है। यह है स्थिति 1- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत देहरादून शहर के बीचों-बीच राजकीय इंटर कॉलेज खुड़बुड़ा को अपग्रेड किया गया है, लेकिन यहां छात्र संख्या मात्र 205 ही रह गई है। यह साल दर साल कम हो रही है। इसकी बड़ी वजह है मात्र पांच सौ मीटर के दायरे में तीन इंटरमीडिएट स्तर के स्कूल हैं। जबकि प्राइवेट जूनियर स्कूलों की संख्या पांच है और इन सभी स्कूलों में छात्रों की संख्या सरकारी स्कूल से ज्यादा है। 2-दून-थानो मार्ग पर स्थित राजकीय इंटर कॉलेज सौड़ा सिरौली में छात्रों की संख्या पिछले कुछ सालों में कम हुई है। इसकी वजह यहां दो किमी. के दायरे में प्राइमरी, जूनियर और इंटरमीडिएट स्तर पर छह नए स्कूल खुले हैं। जो बच्चे प्राइमरी में प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं, वह आगे चलकर सरकारी स्कूल में दाखिला नहीं ले रहे। बयान सरकारी स्कूलों में कम होती छात्र संख्या का अध्ययन कराया है। सीमिति ने रिपोर्ट में काफी महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। इनमें स्कूलों के बीच दूरी के मानक को लेकर भी सिफारिश की गई है। रिपोर्ट के अध्ययन कर इस पर विस्तृत कार्ययोजना बनाई जा रही है, ताकि स्कूलों में सरकारी छात्रों की संख्या बढ़ाई जा सके। डॉ.धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री.