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उत्तराखंड में बिजली चोरी करना अब आसान नहीं होगा। ऊर्जा निगम की ओर से सख्त अभियान चलाया जाएगा। उत्तराखंड में बिजली चोरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बिजली चोरी से निपटने के लिए ऊर्जा निगम की मदद की मांग पर पुलिस ने सहमति जता दी है।

दरअसल, बिजली चोरी के प्रकरणों में ऊर्जा निगम द्वारा कार्रवाई के दौरान मारपीट की घटनाओं से क्षुब्ध प्रमुख सचिव ऊर्जा आर.मीनाक्षी सुंदरम ने राज्य गृह विभाग को पत्र लिखकर पुलिस सहयोग की मांग की थी।

इसके बाद पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) नीलेश आनंद भरणे ने कार्रवाई में सहयोग का वादा किया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जिलास्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं।गृह विभाग को लिखे पत्र में प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेशभर में बिजली चोरी पर अंकुश लगाने और लाइन लॉस कम करने के लिए यूपीसीएल लगातार अभियान चला रहा है।

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इसमें पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि बिजली चोरी के मामलों में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत 24 घंटे में संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराने का प्रावधान है। लेकिन पुलिस थानों की ओर से कार्य की अधिकता का हवाला देकर बिजली चोरी से संबंधित प्रकरणों में प्राथमिकी दर्ज करने में हीलाहवाली की जा रही है।

कुछ मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने में दो-तीन दिन का समय लिया जा रहा है। हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर जिलों में इस तरह के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। प्रमुख सचिव सुंदरम ने बताया कि ऐसे मामलों के अपील में जाने की स्थिति में पावर कॉरपोरेशन को राजस्व की हानि की संभावना रहती है। इससे बिजली चोरी करने वाले व्यक्तियों का मनोबल बढ़ता है।

🌸फ्यूल पावर परचेज कॉस्ट एडजेस्टमेंट

यह एक सरचार्ज है जो बिजली के बिल में शामिल किया जाता है, ताकि बिजली उत्पादन की लागत में होने वाले उतार-चढ़ाव का प्रभाव उपभोक्ताओं पर कम से कम हो। यह सरचार्ज मुख्य रूप से ईंधन की कीमतों में बदलाव और बिजली खरीदने में होने वाले खर्चों में बदलाव के कारण लगाया जाता है।

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🌸पुलिस हरसंभव मदद के लिए तैयार : पुलिस महानिरीक्षक नीलेश भरणे

पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था, पुलिस मुख्यालय) नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि बिजली चोरी के विरुद्ध पुलिस निरंतर गंभीरता से कार्य कर रही है। पुलिस ने समय-समय पर विद्युत विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर प्रदेशभर में संयुक्त निरीक्षण और छापेमारी अभियान चलाए गए हैं।

इसके बाद भी समस्त जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया जा रहा है कि ऊर्जा निगम के अभियान के दौरान और अधिक सशक्त भूमिका निभाई जाए। साथ ही बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई में नियमित रूप से योगदान किया जाए।

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