Uttrakhand News :लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल को कराना होगा रजिस्ट्रेशन,सरकार की ओर से दी जाएगी लड़का-लड़की के माता-पिता को सूचना
देहरादून. उत्तराखंड के लिए 12 जुलाई का दिन बेहद खास रहा. सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता की पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है. देहरादून के राज्य अतिथि गृह एनेक्सी में समान नागरिक संहिता को लेकर पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया.
उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता की पूरी रिपोर्ट शुक्रवार को सार्वजनिक कर दी गई है. आम लोगों के लिए शाम से यूसीसी की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी, आम जनता अब इस रिपोर्ट को पढ़ सकती है. सरकार ने रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.
उत्तराखंड सरकार ने इससे पहले रिपोर्ट के मुख्य अंश ही जारी किए थे. लेकिन, शुक्रवार शाम पूरी रिपोर्ट आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगी. जिसके बाद कोई भी व्यक्ति रिपोर्ट को वेबसाइट (द्धह्लह्लश्चह्य://ह्वष्ष्/ह्वद्म.द्दश1.द्बठ्ठ/) पर जाकर देख सकता है.
उन्होंने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल को रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लड़का-लड़की के माता-पिता को भी सूचना सरकार की ओर से दी जाएगी. माता-पिता की अनुमति के बाद ही लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन का उद्देश्य प्रोटेक्शन देना है, किसी की प्राइवेसी भंग नहीं होगी. रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को रुल में भी रखा जाए. 18 से 21 साल के बीच का उम्र परिपक्व नहीं होता है और प्रोटेक्शन की जरूरत है.
दरअसल, उत्तराखंड की धामी सरकार ने 27 मई 2022 को यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी बनाई थी. रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी. कमेटी ने 43 जनसंवाद कार्यक्रम और विभिन्न माध्यमों से 2.33 लाख लोगों से यूसीसी के लिए सुझाव लिए थे. इसके बाद 2 फरवरी, 2024 को कमेटी ने सरकार को यूसीसी की रिपोर्ट सौंपी.
कमेटी की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने 7 फरवरी को यूसीसी के ड्राफ्ट को विधानसभा के पटल पर रखा. इसे विधानसभा में ध्वनि मत से पास कर दिया गया. इसके बाद उत्तराखंड यूसीसी को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया. विधेयक को कानून बनाने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया और फिर 11 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यूसीसी विधेयक को मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अक्टूबर माह में इसे उत्तराखंड में लागू करने का ऐलान किया है.