Uttrakhand News :मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से की भेंट,मानस खंड मंदिर माला मिशन को मांगे 1000 करोड़

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट कर राज्य हित में लंबित जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण को अनुमति देने का अनुरोध किया।

💠उन्होंने मानसखंड मंदिर माला मिशन के लिए 1000 करोड़ रुपये की सहायता देने पर बल दिया।

केंद्र में लगातार तीसरी बार सत्तारूढ़ नरेन्द्र मोदी सरकार अगले माह जुलाई में अपना नया बजट प्रस्तुत करने जा रही है। केंद्र के नए बजट से उत्तराखंड को बहुत उम्मीदें हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की। उन्होंने तीसरी बार प्रधानमंत्री का दायित्व संभालने पर नरेन्द्र मोदी को शुभकामनाएं दी। साथ में विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश समग्र विकास के नए आयाम प्राप्त कर संपूर्ण विश्व में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करने में सफल होगा।

प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य को अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ रुपये की विद्युत खरीदनी पड़ रही है। मुख्यमंत्री ने अलकनंदा, भागीरथी व सहायक नदियों में प्रस्तावित 24 जलविद्युत परियोजनाओं के बारे में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ समिति-दो की अंतरिम रिपोर्ट पर जल शक्ति मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय के साथ पुनर्समीक्षा करने का अनुरोध प्रधानमंत्री से किया।

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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के समक्ष क्षतिपूरक पौधरोपण के लिए उपयुक्त भूमि के चयन में कठिनाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों की सड़क परियोजना के क्रियान्वयन में क्षतिपूरक पौधरोपण के लिए भूमि नहीं मिल रही है। राजस्व विभाग के अभिलेख में दर्ज वन भूमि जो वन विभाग के नियंत्रण में नहीं है, वहां दो गुना क्षतिपूरक पौधरोपण किया जा सकता है। राज्य की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों एवं सामरिक महत्व को देखते हुए अधिसूचित अवनत वन भूमि में क्षतिपूरक पौधरोपण कराया जाए। इस प्रयोजन के लिए वन भूमि हस्तांतरण प्रस्तावों पर संबंधित मंत्रालय को अनुमोदन के लिए निर्देश देने की मांग प्रधानमंत्री से की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य में एनएचएआइ, बीआरओ, आइटीबीपी, रेलवे व सेना की ओर से निर्मित की जाने वाली संरचनाओं के निर्माण में विलंब नहीं होगा।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य में निवेश प्रोत्साहन के लिए मल्टी माडल लाजिस्टिक्स पार्क और औद्योगिक विकास को बीएचईएल, हरिद्वार से राज्य को भूमि हस्तांतरण का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि केंद्र व राज्य के संयुक्त प्रयासों से 1002 एकड़ भूमि पर एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर, खुरपिया का निर्माण 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी में किया जा रहा है। राज्य सरकार ने 410 करोड़ की भूमि उपलब्ध कराई है और इसके लिए सभी एनओसी प्राप्त है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस परियोजना को अनुमोदित करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से देहरादून-मसूरी रेल लाइन परियोजना की रेल मंत्रालय से स्वीकृति दिलाने का अनुरोध किया।

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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत चिह्नित 48 पौराणिक मंदिरों में से 16 मंदिरों में अवस्थापना विकास के कार्य शुरू हो चुके हैं। साथ ही कुमाऊं क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पूर्णागिरी धाम को विकसित करने के लिए शारदा कारिडोर के विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस क्रम में प्रसिद्ध कैंची धाम के विकास को मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। पिथौरागढ़ स्थित आदि कैलास क्षेत्र के सीमांत गांव गुंजी को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने को मास्टर प्लान तैयार किया गया है।

उन्होंने बताया कि गुंजी को शिवनगरी थीम के आधार पर विकसित करने को छह घटक कला संस्कृति, कौशल, ज्ञान, ध्यान, विज्ञान और विश्राम में विभाजित किया गया है। राज्य सरकार ने गुंजी और आदि कैलास एवं ओम पर्वत के लिए हेली सेवाएं उपलब्ध कराने को सर्वे कर लिया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड में प्रस्तावित ज्योलिकांग-वेदांग पांच किमी, सीपू-तोला 22 किमी और मिलम-लैपथल 30 किमी टनल परियोजनाओं की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति का अनुरोध भी प्रधानमंत्री से किया।

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